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विनियोग अधिनियम 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दी मंजूरी

Kunti Dhruw
14 Jan 2022 12:11 PM GMT
विनियोग अधिनियम 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दी मंजूरी
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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विनियोग (संख्या 5) अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है.

नई दिल्ली, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विनियोग (संख्या 5) अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी है, जो सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त 3.73 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत करता है। विनियोग अधिनियम "वित्तीय वर्ष 2021-22 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कुछ और राशियों के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है।'' केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के शीतकालीन सत्र में विनियोग (संख्यां- 5) विधेयक 2021 पेश किया था। अब राष्ट्रपति ने इसपर अपनी मुहर लगा दी है।

शुक्रवार को जारी एक गजट अधिसूचना में उल्लेख किया गया है, "विनियोग (संख्या 5) अधिनियम, 2021 को 12 जनवरी 2022 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और इसे सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है।" इसमें ये भी कहा गया है कि, "भारत की संचित निधि से वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान भुगतान के दौरान आने वाले कई शुल्कों को चुकाने के लिए 3 लाख 73 हजार 761 करोड़ रुपये का भुगतान और अनुप्रयुक्त राशि जारी की जा सकती है।''

बजट 2021-22 में सरकार के कुल खर्च 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन सरकार द्वारा अब तक प्रस्तुत की गई अनुपूरक अनुदान मांगों के दो बैचों को देखते हुए इसके अधिक बढ़ने की उम्मीद है। अतिरिक्त खर्च में कंपनी में 62,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है, जिसके पास एयर इंडिया की अवशिष्ट संपत्ति और देनदारियां हैं। इसके अलावा अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से 58,430 करोड़ रुपये, लंबित निर्यात प्रोत्साहनों के भुगतान के लिए 53,123 करोड़ रुपये, और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कोष में हस्तांतरण के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 22,039 करोड़ रुपये शामिल है। वहीं इसके अलावा, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को खाद्य भंडारण और भंडारण की विभिन्न योजनाओं के खर्च को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 49,805 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वाणिज्य विभाग को 'ब्याज समानीकरण योजना' के तहत सब्सिडी के खर्च और निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) योजना के तहत निवेश के लिए लगभग 2400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। रक्षा और गृह मंत्रालयों द्वारा क्रमश 5,000 करोड़ रुपये से अधिक और 4,000 करोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त खर्च के लिए निर्धारित किया गया है।
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