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देश को राष्ट्रपति मुर्मू ने संबोधित, कहा- देश की बहुत उम्मीदें बेटियों पर
Rani Sahu
14 Aug 2022 4:01 PM GMT

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आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ (75th Independence Day) से एक दिन पहले आज देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) पहली बार देश को संबोधित किया
नई दिल्ली: आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ (75th Independence Day) से एक दिन पहले आज देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) पहली बार देश को संबोधित किया। हर साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 76वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की बड़ी बातें…
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें।
एकता को बढ़ावा देना
उन्होंने कहा कि, 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।
भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार अपनाया
राष्ट्रपति ने कहा कि, अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया।
उन्होंने कहा कि, आज़ादी का अमृत महोत्सव मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया। उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया। उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है।
महिला सशक्तिकरण का जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा, देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके। भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि, महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। माजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है।
Delhi | Tomorrow marks the day when we freed ourselves from shackles of colonial rulers. We bow & celebrate those who made enormous sacrifices to make it possible for us to live in free India: President Droupadi Murmu addresses the country on eve of 76th Independence Day pic.twitter.com/u111ggwwTU
— ANI (@ANI) August 14, 2022
उन्होंने यह भी कहा कि, हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं। समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। हमारी बेटियां फाइटर पायल से लेकर स्पेस साइंटिस्ट होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।
जन-जातीय गौरव दिवस
उन्होंने कहा कि, पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को जन-जातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है। हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे।
सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं। जब दुनिया कोरोना महामारी के गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है। इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है।
सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में पर्यावरण का जिक्र करते हुए कहा, आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए। जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है। हमारे पास जो कुछ भी है, वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए।
स्वाधीनता दिवस की बधाई
अपने संबोधन के अंत में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं। मैं सभी देशवासियों के सुखद और मंगलमय जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

Rani Sahu
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