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विजय दिवस समारोह में शामिल होने दिसंबर में बांग्लादेश जाएंगे राष्ट्रपति कोविंद, अधिकारी ने दी जानकारी
Deepa Sahu
15 Nov 2021 5:49 PM GMT
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौ महीने तक चले मुक्ति संग्राम के बाद पाकिस्तान (pakistan) से 1971 में बांग्लादेश को मिली।
ढाका. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) नौ महीने तक चले मुक्ति संग्राम के बाद पाकिस्तान (pakistan) से 1971 में बांग्लादेश (Bangladesh) को मिली आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए 16 दिसंबर को ढाका (Dhaka) आएंगे. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रपति कोविंद अपने बांग्लादेशी समकक्ष अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर 16 दिसंबर को बांग्लादेश आएंगे. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय राष्ट्रपति 16 दिसंबर को हमारे स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर (ढाका) आएंगे.'
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने संवाददाताओं से कहा था कि राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के विजय दिवस समारोह में शामिल होने के लिए 16 दिसंबर को ढाका आएंगे. यह यात्रा ऐसे समय होगी, जब बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान की जन्मशती समारोह का समापन होना है. यह राष्ट्रपति कोविंद की पहली ढाका यात्रा होगी. कोविंद की यह यात्रा गत मार्च में जन्म शताब्दी और स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के आठ महीने बाद होगी.बांग्लादेश और भारत संयुक्त रूप से 'लोगो और बैकड्रॉप' डिजाइनिंग प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं. इसका आयोजन 6 दिसंबर को मैत्री दिवस पर होगा. 'ढाका ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक, छह दिसंबर को मैत्री दिवस और 16 दिसंबर को बांग्लादेश के विजय दिवस के मद्देनजर भारत और बांग्लादेश मिलकर काम कर रहे हैं और देशों के बीच उच्च स्तरीय दौरे हो रहे हैं. इसमें कहा गया कि विजय दिवस समारोहों के अलावा राष्ट्रपति कोविंद अन्य अहम कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान की जन्मशती के मौके पर बांग्लादेश में 'मुजीब वर्ष' तथा देश के मुक्ति संग्राम के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है. दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का भी जश्न मना रहे हैं.
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 25 मार्च 1971 की आधी रात को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान पर अचानक हमले के बाद शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को समाप्त हुआ था. आधिकारिक जानकारी के अनुसार नौ महीने चले इस युद्ध में तीस लाख लोग मारे गए थे. खबर के अनुसार, भारत ने छह दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को मान्यता दी थी, जिसके बाद दोनों देशों ने छह दिसंबर का दिन मैत्री दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत मार्च में बांग्लादेश की यात्रा की थी और वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की थी. यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने सम्पर्क, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए पांच सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए थे.
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