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न्यू नोएडा को पूरी तरह से हाइटेक शहर बनाने की तैयारी
एनसीआर नोएडा न्यूज़: नोएडा में जो अधूरा रह गया उसे न्यू नोएडा में पूरा करने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही मास्टर प्लान 2041 बनकर तैयार है। एक से एक खूबियों के साथ नए नोएडा बसाने की कवायद और भी ज्यादा तेज हो गई है। बुलंदशहर, दादरी से मिलाकर करीब 84 गांव को लेकर बनेगा न्यू नोएडा। जो दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और देश भर के लिए एक अलग जगह होगी। बीते दिनों नई दिल्ली के फिक्की सभागार में नोएडा स्टेकहोल्डर मीट का आयोजन किया गया। इसमें नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रितु महेश्वरी, फिक्की के यूपी स्टेट काउंसिल के चेयरमैन मनोज गुप्ता समेत कई लोग मौजूद थे। इस मीट में एमएसएमई से जुड़े कई बिजनेसमैन बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि और प्लानिंग डिपार्टमेंट के लोग भी पहुंचे थे।
इस मीट के जरिए नोएडा अथॉरिटी ने न्यू नोएडा प्लान को सबके सामने रखा और लोगों से उनके सुझाव भी मांगे। इस मौके पर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा कि जो कुछ भी नोएडा को बनाते वक्त अधूरा रह गया था उसे न्यू नोएडा में पूरा किया जाएगा और इसमें नोएडा में गौतमबुद्ध नगर के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव को शामिल किया जाएगा। टोटल 84 गांव की जमीन को लेकर न्यू नोएडा बसाया जाएगा। जिसमें इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर सबसे ज्यादा फोकस होगा इसीलिए 41 प्रतिशत लैंड को इंडस्ट्रियल यूज के लिए रखा गया है। उन्होंने बताया की बहुत ही प्लानिंग के साथ न्यू नोएडा को बसाया जाएगा और इस समय बड़ी-बड़ी कंपनियां चाहे वह आईका हो, अडाणी हो, माइक्रोसॉफ्ट हो सभी नोएडा में निवेश करना चाहती हैं। जिससे रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे और नोएडा के आसपास के जिलों का विकास भी होगा।
क्या क्या होंगी खूबियां न्यू नोएडा में: नोएडा को बसाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड टेक्च र (एसपीए) को दी गई है। इसके लिए जुलाई 2021 में एमओयू साइन किया गया था। प्राधिकरण को अब एसपीए ने मास्टर प्लान तैयार कर सौंप दिया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि नोएडा शहर को बसाने में जो कमियां रह गई हैं उनको दूर करने के लिए नए नोएडा में बेहतर शहर बनाया जाएगा। अधिकारियों का यह भी दावा है कि न्यू नोएडा में दूर-दूर तक अतिक्रमण की कोई गुंजाइश नहीं होगी। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड टेक्च र ने जो मास्टर प्लान तैयार किया है उसके मुताबिक 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा न्यू नोएडा। 41 प्रतिशत में औद्योगिक इकाइयां होंगी। 11.5 प्रतिशत में आवासीय योजनाएं होंगी। 17 प्रतिशत हरियाली और सेक्शनल के लिए छोड़ा जाएगा। 15.5 प्रतिशत में सड़कें रहेगी। 9 प्रतिशत में संस्थागत बिल्डिंग रहेंगी। 4.5 प्रतिशत व्यवसायिक संपत्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
इस न्यू नोएडा को चार अलग-अलग जोन में बांटकर बसाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन और नॉर्थ जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्री हब होगा। सबसे बड़ी बात है की पहले जोन में निर्माण कार्य शुरू करने के बाद उसे पूरी तरीके से बताया जाएगा और उसके बाद ही दूसरे जोन की शुरूआत की जाएगी। यह मास्टर प्लान ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम जीआईएस यानी सेटेलाइट आधारित बनाया जा रहा है। इस सिस्टम पर आधारित मास्टर प्लान से घर बैठे ही निवेशक नोएडा के सभी जोन व सेक्टर और भूखंडों की जानकारी ऑनलाइन हासिल कर सकेंगे।
बेहतर कनेक्टिविटी की होगी सुविधा: न्यू नोएडा को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए डीपीआर में बहुत सारे बातों का ख्याल रखा गया है। सबसे जरूरी और निवेश कर्ताओं को उत्साहित करने वाली बात इसकी कनेक्टिविटी को लेकर है। न्यू नोएडा को सड़क रेल और हवाई मार्ग तीनों से अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी। जेवर एयरपोर्ट की नजदीकी इससे अच्छा हवाई यातायात प्रदान करेगी। दादरी में लगातार बढ़ती रेल परियोजनाएं यहां की रेल कनेक्टिविटी के लिए सबसे सुगम मार्ग होगा। सबसे मजबूत और मुख्य आवागमन का मार्ग है सड़क, जिससे न्यू नोएडा की कनेक्टिविटी काफी अच्छी होगी क्योंकि क्षेत्र से गुजरने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग 91 जीटी रोड गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे है। साथ ही साथ ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेस वे भी इस क्षेत्र के बिल्कुल नजदीक है। इस न्यू नोएडा को डिवलप करने से पहले आसपास के टाउनशिप्स की कमियों को देखकर और उनसे सीख कर यह योजना बनाई गई है इसीलिए शहर को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। और साथ ही साथ यह मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और ट्रांसिट हब के रूप में भी डेवलप होगा। पूरे न्यू नोएडा इलाके में सभी तरह की वायरिंग को अंडर ग्राउंड रखा जाएगा जो सबसे बड़ी उपलब्धता होगी।
न्यू नोएडा में कचरा प्रबंधन को लेकर पहले से ही कारगर योजना बनाई जाएगी और बड़े-बड़े अत्याधुनिक वेस्ट मटेरियल डिस्पोजेबल प्लांट्स लगाए जाएंगे। क्योंकि सबसे ज्यादा औद्योगिक इकाइयां होने के कारण यहां पर सबसे ज्यादा वेस्ट मटेरियल निकलने की उम्मीद है और उसी को निपटाने के लिए पहले से ही कचरा प्रबंधन का अगर इंतजाम अत्याधुनिक तरीके से होगा तो आने वाले भविष्य में इससे कोई समस्या सामने नहीं आएगी।