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मोहम्मद अशरफ की 'नार्को टेस्ट' की तैयारी पूरी

Teja
2 Nov 2021 12:29 PM GMT
मोहम्मद अशरफ की नार्को टेस्ट की तैयारी पूरी
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फाइल फोटो 

मिला था हथियारों का जखीरा

जनता से रिस्ता वेबडेसक | आतंकवादी नूरी बीते महीने यानी 11 अक्टूबर 2021 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा राजधानी के पूर्वी दिल्ली जिला स्थित लक्ष्मी नगर इलाके में पकड़ा गया था. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के शुरुआती दौर में ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और खुफिया एजेंसियां ताड़ चुकीं थीं कि, इससे अंदर की बातें आसानी से उगलवा पाना आसान नहीं होगा

अंतत: करीब 20-25 दिन बाद वही आशंका सही साबित भी हो गई. अली मोहम्मद नूरी बेहद 'घाघ' किस्म का और मंझा हुआ आईएसआई ट्रेंड पाकिस्तानी आतंकवादी साबित हो चुका है. अब तक हुई पूछताछ में आरोपी ने उतना ही कबूला है जिससे कि भारतीय एजेंसियां उसके पीछे मौजूद आईएसआई के नेटवर्क की जड़ों तक न पहुंच सकें.

हासिल किया हिंदुस्तानी पासपोर्ट

हालांकि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के शुरुआती दौर में आरोपी ने कबूला था कि वो, देश भर का चक्कर लगाता रहता था. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल भारतीय पासपोर्ट के बलबूते वो नेपाल सहित कुछ अन्य देशों की यात्राओं पर भी गया था. भारत में 15 साल की छिपने वाली अवधि में आईएसआई ट्रेंड इस मास्टरमाइंड ने खुद ही कबूला है कि वो, 30 से भी ज्यादा बार जम्मू-कश्मीर के चक्कर काट चुका है. जम्मू कश्मीर में उसने आईएसआई के इशारे पर कई हिंदुस्तानी फौजियों का अपहरण और कत्लेआम होते हुए भी अपनी आंखों के सामने देखा है. भारतीय खुफिया एजेंसियों की मानें तो इस कट्टर पाकिस्तानी आतंकवादी का रवैया एकदम वैसा ही हो चुका है जैसा कि मानो किसी मंझे हुए प्रशिक्षित आतंकवादी का होता है.

ऐसे जाल डालकर घेरा गया था

उल्लेखनीय है कि 11 अक्टूबर 2021 की रात नूरी को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों ने दबोचा था. इन टीमों में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ललित मोहन नेगी व एसीपी हृदय भूषण, इंस्पेक्टर विनोद बडोला, रविंद्र कुमार त्यागी, सब-इंस्पेक्टर सुंदर गौतम और सब इंस्पेक्टर यशपाल भाटी जैसे दिल्ली पुलिस के शार्प-शूटर हालांकि इस इरादे से शामिल किए गए थे कि, कहीं मौके पर आमना-सामना होने पर आतंकवादी नूरी अपने बचाव में पुलिस टीमों पर फायरिंग न कर बैठे. यह अलग बात है कि हथियारबंद स्पेशल सेल के जवानों के सामने नूरी ने खुद ही अपनी जान बचाने को हाथ खड़े कर दिए.

मिला था हथियारों का जखीरा

गिरफ्तार आतंकवादी नूरी ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिले के कालिंदी कुंज घाट से हथियारों की खेप भी जब्त करा दी. हथियारों की इसी खेप को दिल्ली में कब्जे में लेने के लिए कुछ दिन पहले नूरी के पास एक व्हाट्सएप मैसेज आया था. वो मैसेज आईएसआई के किसी नासिर नाम के हैंडलर ने पाकिस्तान से भेजा था. एके-47, हथगोला, पिस्टल, कई मैगजीन और बड़ी संख्या में कारतूसों की इस खेप को एक पेड़ के नीचे जमीन में गढ्ढा खोदकर उसमें दबाकर रख दिया गया गया. जब्त हथियारों का यह जखीरा कालिंदी कुंज घाट के नीचे किसने और कब दबाया है? यह फिलहाल दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और आरोपी आतंकवादी के सिवाय किसी को नहीं मालूम है.

इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था

बरामद हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम भी पाकिस्तानी हैंडलर ने ही कराया था. 11 अक्टूबर से अभी तक जब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल यह नहीं कबूलवा पाई कि, कालिंदी कुंज इलाके में जमीन के अंदर दफन हथियारों का जखीरा नूरी को किसने मुहैया कराया था? तो उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया. उसमें भी हिंदुस्तानी एजेंसियों के हाथ कोई मतलब की जानकारी नहीं लगी. लिहाजा थकी-हारी एजेंसियों ने अब इस आईएसआई ट्रेंड आतंकवादी का 'नार्को टेस्ट' कराने की योजना को अंतिम रूप दे दिया. खुफिया विभाग सूत्रों की मानें तो आरोपी को नारको टेस्ट के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमें अहमदाबाद लेकर पहुंच भी चुकी हैं.

नार्को एनालेसिस टेस्ट की विशेषता

खुफिया एजेंसियों की मानें तो, "नार्को एनालेसिस टेस्ट में पूछे जाने वाले संभावित सवालों की सूची भी तैयार की जा चुकी है. इस टेस्ट के दौरान आरोपी उन्हीं सवालों का जबाब देता है जो उससे किए जाते हैं. यही वो टेस्ट होता है जिसमें आरोपी सही-गलत का फर्क (सच झूठ बोलने की ताकत) करने की शक्ति क्षीण कर चुका होता है. जांच एजेंसियों का मानना है कि, इसलिए आरोपी के जवाबों पर विश्वास करके जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है.

जहां तक इस आतंकवादी के नार्को एनालेसिस टेस्ट की बात है तो उसकी अनुमति दिल्ली की एक अदालत कई दिन पहले ही दे चुकी है. बस अब समय अहमदाबाद स्थित उस प्रयोगशाला से चाहिए था, यह टेस्ट कराया जाना था. वो टाइम मिल चुका है. इस प्रक्रिया में 24 से 48 घंटे का वक्त लगने की उम्मीद हमेशा रहती है. यह प्रक्रिया कई राउंड में की जाती है." उल्लेखनीय है कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के मुख्य हमलावर कसाब ने भी सारा सच इसी नार्को एनालेसिस टेस्ट में उगला था. और बाद में उसे सजा-ए-मौत सुनाई गई थी.

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