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नोएडा के अवैध रूप से बने ट्विन टावर को गिराने की तैयारी तेजी, हर कार्य पर नॉएडा प्राधिकरण की नज़र

Admin Delhi 1
24 Aug 2022 11:16 AM GMT
नोएडा के अवैध रूप से बने ट्विन टावर को गिराने की तैयारी तेजी, हर कार्य पर नॉएडा प्राधिकरण की नज़र
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-93ए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट में अवैध रूप से बने ट्विन टावर को गिराने की तैयारी तेजी के साथ की जा रही है। आपको बता दें कि यह देश की ऐसी सबसे बड़ी इमारत है जिसे विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा। इन दोनों टावरों को 28 अगस्त को गिराया जाना है। जिसके लिए सभी कामों को बेहद ही सावधानी और ध्यान पूर्वक किया जा रहा है। ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाली एडिफाइस एजेंसी ने मंगलवार को टावरों में विस्फोट लगाने का कार्य पूरा कर दिया है। वहीं, अब कंपनी के द्वारा फ्लोर में वायरिंग का काम शुरू कर दिया गया है। यह वायरिंग हर फ्लोर पर विस्फोटक के साथ की जा रही है। जिसे बुधवार शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। फिर एजेंसी गुरुवार को ट्विन टावरों की फाइनल जांच करेंगी। वहीं, दूसरी ओर नोएडा प्राधिकरण ने तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित कर दी है जो पूरे काम पर नजर रखेगी। टावर ध्वस्तीकरण से पहले मजबूती और बचाव के काम की निगरानी कर उनको पूरा कराएगी। इस टीम ने मंगलवार को मौके पर जाकर काम की स्थिति भी देखी।

इन लोगों की कमेटी बनाई: नोएडा प्राधिकरण की ओर से बनाई गई कमेटी में वर्क सर्किल-8 के वरिष्ठ प्रबंधक मुकेश वैश्य, टीएसी के वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण सलोलिया और जल खंड तीन के वरिष्ठ प्रबंधक ए के वरूण शामिल हैं। सीएपी इश्तियाक अहमद पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। प्राधिकरण की टीम ने मंगलवार को मौके पर जाकर काम का जायजा लिया। इस दौरान टीम ने ट्विन टावर में हो रहे काम की स्थिति देखी। इसके बाद सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी के बेसमेंट में चल रही पिलरों की मरम्मत का काम देखा। यहां पर 51 में से 37 पिलर की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। बचा काम बुधवार या गुरुवार शाम तक पूरा हो जाएगा।

गैस पाइप लाइन की सुरक्षा व्यवस्था देखी: प्राधिकरण की टीम ने मरम्मत के काम की मजबूती और गेल की गैस पाइप लाइन सुरक्षित रखने के लिए की गई व्यवस्था को देखा। बताया गया कि गैस पाइप लाइन को शेड कुशन से कवर किय गया है। एडीफाइस एजेंसी ने दावा किया कि ध्वस्तीकरण का इस पर कोई असर नही होगा। इसके बाद टीम ने एक्सक्लूजन जोन का निरीक्षण किया। वह भी स्थान देखें जहां बैरीकेडिंग कर सड़कों को बंद किया जाएगा। सीईओ ने टीम को निर्देश दिए गए हैं कि टावरों के ध्वस्तीकरण में आ रहे काम पर नजर रखें। अगर कोई रूकावट आती है तो बिल्डर, एडीफाइस एजेंसी, एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएज विलेज सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के अलावा संबंधित विभागों से समन्वय कर उसे दूर करें।

वायरिंग के बाद 4-5 बार दोनों टावर के काम की होगी टेस्टिंग: टावर ढहाने का काम कर रही एडिफाइस एजेंसी के निदेशक उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम सोमवार को पूरा कर लिया गया था। मंगलवार से फ्लोर वाइज वायरिंग का काम शुरू कर दिया है। इस वायरिंग के साथ नाममात्र का विस्फोटक लगता है। बुधवार तक वायरिंग का काम पूरा कर 25 को फाइनल जांच की जाएगी, 25 को ही दोनों टावर ब्लॉस्ट के लिए एजेंसी की तरफ से तैयार हो जाएंगे। इसके बाद 26-27 में सीबीआरआई और अन्य संस्थान जो निरीक्षण करना हो कर सकेंगे। वहीं, एजेंसी के एक्सपर्ट वायरिंग के बाद भी 4-5 बार दोनों टावर में हुए काम की टेस्टिंग करेंगे।

सिविल और यातायात पुलिस अधिकारियों ने भी किया दौरा: सेंट्रल जोन के डीसीपी राजेश एस ने सुरक्षा व्यवस्था का घेरा बनाए जाने की तैयारियों का मंगलवार को मौके पर जाकर निरीक्षण किया। डीसीपी यातायात गणेश साहा ने भी यातात से संबंधित स्थिति देखी। प्राधिकरण अधिकारियों और एजेंसी की तरफ से बताया गया कि एक्सप्रेस-वे के साथ बनाए गए एक्सक्लूजन जोन में जितनी भी सड़के हैं उनको बंद किया जाना जरूरी होगा। एजेंसी की डिमांड के बाद डॉयवर्जन की तैयारियां ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी हैं।

इन सड़को को किया जाएगा बंद: अभी तक मुख्य डॉयवर्जन यह लागू करने की तैयारी है कि एक्सप्रेस-वे से एमराल्ड कोर्ट के सामने से लेकर आगे गेझा तिराहा और फिर दाहिने घूम कर फिर दाहिने मुड़कर सड़क के सामने तक एक्सप्रेस-वे की सड़कें बंद की जाएं। इस तरह एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के चारों तरफ की सड़कें बंद हो जाएंगी। पार्श्वनाथ सोसायटी का जो गेट एटीएस ग्रीन और एमराल्ड कोर्ट की तरफ है वह भी बंद रहेगा। बाकी इन सड़कों पर आने वाला ट्रैफिक पहले ही बैरिकेडिंग कर सेक्टर-108, एक्सप्रेस-वे और अन्य दूसरी तरफ से रोक दिया जाएगा। फाइनल डॉयवर्जन प्लॉन 26 अगस्त को ट्रैफिक पुलिस जारी करेगी।

25 अगस्त से सीबीआरआई करेगी रिसर्च: सेंट्रल बिल्डिंग रोड रिसर्च इंस्टीटयूट-सीबीआरआई-रूडकी की टीम 25 अगस्त से नोएडा में ही रहेगी। इस दौरान वह रोजाना ट्विन टावर के ऊपर रिसर्च करेगी। ध्वस्तीकरण के दिन थर्मल कैमरे, हाई स्पीड कैमरों, हाइटेक मशीनों के जरिए समेत हर एंगल से काम की मॉनीटीरिंग करेगी। टावर गिरने की रफ्तार, बिखरने का दायरा और कंपन से जुड़े तथ्य तैयार किए जाएंगे। देश में पहली बार इतनी ऊंचे इमारतें गिरना भी सीबीआरआई अधिकारियों के लिए नया अनुभव होगा।

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