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नोएडा न्यूज़: स्पोर्ट्स सिटी परियोजना इस समय फंसी हुई है. पांच सेक्टर में लाई गई इस परियोजना को आगे बढ़ाने के काम में तेजी लाने के लिए प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए नियुक्त की गई सलाहकार कंपनी ने पहली बार नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर स्थिति देखी.
नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2008-09 से 12-13 के बीच सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में स्पोर्ट्स सिटी के तहत बिल्डरों को भूखंड आवंटित किए थे. ये करीब 300 हेक्टेयर जमीन है. संबंधित भूखंडों पर बिल्डर को 70 प्रतिशत हिस्से में खेल सुविधाएं, 28 प्रतिशत में ग्रुप हाउसिंग और 2 प्रतिशत हिस्से में व्यावसायिक गतिविधियों का प्रयोग करना था, लेकिन उन्होंने 30 प्रतिशत हिस्से में आवासीय संपत्ति को बना बेचना शुरू कर दिया. बिल्डरों ने खेल सुविधाएं विकसित करने के बजाए प्राथमिकता पर फ्लैट बनाकर बेच दिए, जबकि खेल सुविधाएं विकसित नहीं की. इसके बाद प्राधिकरण का बकाया भी नहीं दिया.
स्पोर्ट्स सिटी में अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खेल सुविधाएं विकसित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने पिछले महीने एक सलाहकार कंपनी की नियुक्ति की थी. यह स्काईलाइन आर्किटेक्चरल कंपनी है. इस कंपनी ने पहली बार नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में विकसित होने वाली स्पोर्ट्स सिटी की स्थिति देखी. प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि कंपनी को पहले ही बिल्डरों को आवंटित जमीन, अभी तक हुए नक्शे पास, मौके पर निर्माण आदि से संबंधित कागजात उपलब्ध करा दिए थे, लेकिन अब मौके पर जाकर स्थिति देखी. खासतौर से उन जगह को देखा जहां पर खेल सुविधाएं विकसित की जानी है. अब सेक्टर वार कंपनी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
बकाया वसूली होगी
शाम को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बकाए को लेकर बैठक की. 79 बिल्डरों पर कितना बकाया है, बकाया लेने के लिए कब-कब और कितनी बार नोटिस जारी किए गए, परियोजना में 64.7 अतिरिक्त मुआवजा आदि बिंदुओं पर जानकारी ली. उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा कि बकाया वसूली के लिए सख्ती की जाए. अधिकारियों ने बताया कि पैसा नहीं नहीं देने पर जमीन का आवंटन निरस्त करने, बिना बिकी संपत्ति कब्जे में लेने की कार्रवाई की जाएगी.