- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- यमुना प्राधिकरण...
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेमी कंडक्टर बनाने की तैयारी
नोएडा न्यूज़: यीडा क्षेत्र में प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई लगाने के लिए हीरानंदानी ग्रुप ने 100 एकड़ जमीन मांगी है. कंपनी पहले चरण में 2500 करोड़ का निवेश करेगी. कंपनी ने जरूरतों के बारे में भी प्राधिकरण को अवगत कराया है. प्राधिकरण ने जरूरतों को पूरा करने की बात कही है.
सेमीकंडक्टर के मामले देश अभी दूसरे देशों पर निर्भर है. इस निर्भरता को खत्म करने के लिए कवायद शुरू हुई है. सरकार इसको लेकर पहल शुरू की है. देश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई गुजरात में चल रही है. अब उत्तर प्रदेश में भी सेमीकंडक्टर का उत्पादन होगा. इसके लिए हीरानंदानी ग्रुप आगे आया है.
ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने यमुना प्राधिकरण से अपनी योजना साझा की है. ग्रुप ने प्राधिकरण ने 100 एकड़ जमीन मांगी है. ग्रुप का कहना है कि पहले चरण में वह 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. दो साल में उत्पादन शुरू करने की योजना है. प्राधिकरण सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क के आसपास जमीन देने की तैयारी की है.
अपनी जरूरतें भी बताईं कंपनी ने अपनी जरूरतों के बारे में भी प्राधिकरण को अवगत कराया है. इस इकाई के लिए उन्हें पानी की जरूरत पड़ेगी. पहले चरण में प्रति घंटे 200000 लीटर पानी और तीसरे चरण में 750000 लीटर पानी की जरूरत होगी. इसके अलावा 50 मेगावाट की बिजली की जरूरत पड़ेगी. यीडा का कहना है कि ये सुविधाएं वह उपलब्ध करा देगा.
कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव आदि में सेमीकंडक्टर की अहम भूमिका होती है. इसकी के जरिये इन उत्पादों को नियंत्रित किया जाता है. साथ ही मेमोरी फंक्शन भी आपरेट होता है. बिना इनके इन उत्पादों की कल्पना बेकार है.
क्या होता है सेमीकंडक्टर: सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं. इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव ओवन आदि में होता है. ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं. कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों की मांग बढ़ने पर सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ जाती है. रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते सेमीकंडक्टर मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रहा है. देश में कारों की वेटिंग बढ़ने का एक कारण यह भी बताया जाता है.
हीरानंदानी ग्रुप ने सेमीकंडक्टर की इकाई लगाने के लिए 100 एकड़ जमीन मांगी है. कंपनी पहले चरण में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस दिशा में जल्द आगे बढ़ा जाएगा.
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण