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दिल्ली की 250 किलोमीटर लंबी सडक़ों को यूरोपियन सडक़ों की तर्ज पर बनाने की तैयारी
दिल्ली: अभी दिल्ली की 45 मीटर से ज्यादा चौड़ी 250 किलोमीटर लंबी सडक़ों को यूरोपियन सडक़ों की तर्ज पर बनाने का प्लान बनाया गया है। इस पर 4,200 करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा इन सडक़ों की 10 साल तक रखरखाव पर 4000 करोड़ रूपए अतिरिक्त खर्च होंगे। सूत्र बताते हैं कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है और अगले कुछ दिनों में कैबिनेट की मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा। राजधानी की 540 किलोमीटर लंबी सडक़ों का सौंदर्यीकरण किया जाना है। सूत्र बताते हैं कि 250 किलोमीटर लंबी सडक़ों के सौंदर्यीकरण और इसका आउटकम देखने के बाद ही बाकी की 290 किलोमीटर लंबी सडक़ों पर निर्णय लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विभाग को इसके लिए दिसम्बर माह तक टेंडर जारी करने को कहा है। सडक़ों के सौंदर्यीकरण के लिए ज्यादातर सैंपल डिजाइन तैयार हो गए हैं। एक किलोमीटर सैंपल डिजाइन पर 7 से 8 करोड़ की लागत आई है। 16 सैंपल डिजाइन पर करीब 200 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। सरकार की योजना के अनुसार 45 मीटर से ज्यादा चौड़ी 250 किलोमीटर लंबी सडक़ों पर अभी काम होगा। अगर इसका आउटकम बेहतर रहा तो बाकी की 30 मीटर से लेकर 45 मीटर चौड़ी 270 किलोमीटर लंबी सडक़ों की स्ट्रीट स्केपिंग की जाएगी। सरकार ने 18 मीटर से 30 मीटर तक चौड़ी 870 किलोमीटर लंबी सडक़ों को इसके दायरे से बाहर रखा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैंपल डिजाइन को सुरक्षित रखने के लिए सरकार निजी एजेंसी हायर करेगी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी कर दिया है। एजेंसी सैंपल डिजाइन की देखभाल करेगी, पेड़ पौधों का रखरखाव करेगी व डिजाइन में लगाए जा रहे ग्रेनाइट आदि की साफ -सफाई करेगी और सुरक्षा कर्मी भी लगाएगी जो इसकी निगरानी करेंगे। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत न सिर्फ फुटपाथ नए सिरे से बनाए जाएंगे, बल्कि उन पर टाइलें,ग्रेनाइट के पत्थर लगाने के अलावा स्ट्रीट फर्नीचर भी लगाए जाएंगे। लैंड स्केपिंग कराकर और ज्यादा ग्रीन बेल्ट विकसित किया जाएगा। सडक़ों की स्ट्रीट स्केपिंग करने वाली कंपनियां ही इसके रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेंगी। निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह सडक़ों के विकसित बुनियादी ढांचे को बनाए रखे। साथ ही, कचरा हटाने, सडक़ों की धुलाई करने, हरियाली का रखरखाव, सडक़ किनारे फर्नीचर का रखरखाव और उसकी सुरक्षा करने की जिम्मेदारी भी निर्माण कंपनी की होगी।
यहां तैयार किए सैंपल डिजाइन
रिंग रोड मायापुरी से मोती बाग
मूलचंद से आश्रम तक रिंग रोड
ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड
वजीराबाद गांव से रिंग रोड तक
नेल्सन मंडेला मार्ग पर
टीकरी बार्डर से टीकरी मेट्रो स्टेशन तक
अरबिंदो मार्ग पर
मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन रोड
कडक़डड़ूमा कोर्ट रोड से जीटी रोड रेलवे लाइन अंडरपास तक
केएन काटजू रोड
लोधी रोड, इंडिया हैबिटेट सेंटर के सामने
रिंग रोड पर राजघाट से शांतिवन लाल बत्ती तक