- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- सेंधमारी के...
सेंधमारी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी तेज
नोएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण के खाते में सेंधमारी के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण-बैंक अधिकारी-कर्मचारियों की जांच में तेजी आ गई है. इस सप्ताह प्राधिकरण से किसी की गिरफ्तारी होने की भी चर्चा है. प्राधिकरण-बैंक अधिकारियों से पुलिस की टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं. अभी तक की जांच में दोनों की कदम-कदम पर लापरवाहियां मिल रही हैं.
नोएडा प्राधिकरण में एसीईओ मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति जांच कर रही है. यह समिति तलाश रही है कि गड़बड़ी किस स्तर पर हुई. माना जा रहा है कि समिति जल्द ही जिम्मेदारी तय करने के साथ कार्रवाई की सिफारिश करेगी. समिति ने सारे दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं. को इस मामले में बैठक होगी.
आरोपियों की तलाश में दबिश जारी नोएडा प्राधिकरण के खाते से तीन करोड़ 90 लाख रुपये की सेंधमारी करने के मामले में पुलिस गिरोह के सरगना मनु पोला और उसके साथियों की तलाश में छह राज्यों में दबिश दे रही है. मनु के अलावा राजेश सहित कुल पांच नाम सामने आए हैं. सभी देश के अलग-अलग हिस्से के रहने वाले हैं. पश्चिम बंगाल के मनु पोला ही गिरोह का कर्ताधर्ता है.
इस मामले को लेकर नोएडा पुलिस प्राधिकरण और बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली की भी जांच की जा रही है. दोनों विभाग की ओर से अगर जरा सा भी सतर्कता दिखाई गई होती तो रकम खाते से निकलने के पहले ही आरोपी गिरफ्तार हो जाता. बैंक और प्राधिकरण के किस अधिकारी या कर्मचारी की इसमें साठगांठ है इसकी जांच की जा रही है. मनु पोला के कोलकाता जबकि उसके अन्य साथियों के दिल्ली-एनसीआर में छिपे होने की आशंका जताई गई है.
तीन सदस्यीय समिति ने जांच शुरू की नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति ने जांच शुरू कर दी है. जांच समिति ने बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलने व एफडी से संबंधित पूरे रिकॉर्ड को अपने कब्जे में ले लिया है. कुछ अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ भी की. उम्मीद है कि चार-पांच दिन में समिति जांच कर रिपोर्ट सीईओ को सौंप देगी.
नोएडा प्राधिकरण को पैसे मिलने में काफी अड़चन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यालय और भारत सरकार को पत्र लिखने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण को पैसे मिलने में काफी अड़चन है. बैंक की तरफ से अभी पूरे 200 करोड़ रुपये देने से साफ इनकार कर दिया गया है. बैंक ने 196 करोड़ 20 लाख रुपये प्राधिकरण के खाते में ट्रांसफर कर दिए. बचे तीन करोड़ 80 लाख रुपये बाद में मिलेंगे. बैंक की तरफ से प्राधिकरण अधिकारियों को बताया गया है कि यह पैसा देने के लिए बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी. इसमें 10-15 दिन का समय लगेगा. इसको लेकर बैंक के अधिकारी बोर्ड से बातचीत कर रहे हैं.