दिल्ली-एनसीआर

पराली उत्पादन में लगभग 1.37 मिलियन टन की वृद्धि होने की संभावना के बाद दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का खतरा बढ़ा

Admin Delhi 1
3 Oct 2022 5:57 AM GMT
पराली उत्पादन में लगभग 1.37 मिलियन टन की वृद्धि होने की संभावना के बाद दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का खतरा बढ़ा
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दिल्ली एनसीआर न्यूज़: दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जा चुका है और 1820 निगरानी टीमें जमीनी स्तर पर निगरानी रख रही हैं। हांलाकि केंद्र सरकार द्वारा 2022-23 में दिल्ली एनसीआर के राज्यों में पराली उत्पादन में लगभग 1.37 मिलियन टन की वृद्धि होने की संभावना के बाद चिंता जरूर बढ़ गई है। केंद्र ने पंजाब को विशेष तौर पर कहा है कि उसने पराली प्रबंधन के लिए कई उपायों की योजना सही ढंग से लागू नहीं की। इस वजह से लोगों को करीब छह मिलियन टन से अधिक पराली के धुएं का कहर झेलना पड़ सकता है। दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में पराली जलाने को प्रमुख योगदान माना जाता है। अक्तूबर-नवम्बर के दौरान अगली फसल की बुआई के लिए खेतों को जल्दी साफ करने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान धान की फसल के अवशेष से निकली पराली को जलाते हैं। केंद्र सरकार की पराली जलाने को लेकर हुई समीक्षा बैठक में भी पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्य की तैयारियों पर अपना असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि पंजाब पर निशाना साधा और समीक्षा बैठक में कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में लगभग 57 लाख 50 हजार टन पराली के प्रबंधन के लिए उचित योजना नहीं बनाई है, जिसका दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

बता दें कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित तीन राज्यों में करीबन 27.66 मिलियन टन पराली होती है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि तीनों राज्यों को पराली के प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। हालंाकि 2021-22 में 26.29 मिलियन टन पराली थी। हालंाकि वैज्ञानिक रविंद्र खईवाल ने बताया कि छह फीसदी धान की बुआई कम हुई है, राज्य सरकार की सख्ती, जागरूकता और पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ न देने की चेतावनी से ही लाभ मिलेगा। बता दें कि दिल्ली में रविवार को जहां प्रदूषण स्तर, वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम दर्जे में 181 रहा और एनसीआर के फरीदाबाद, गुरूग्राम, हिसार, जींद जहां मध्यम श्रेणी में हैं वहीं ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, खुर्जा ऐसे शहर हैं जहां प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है।

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