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तुष्टीकरण की राजनीति ने सामाजिक न्याय को तबाह किया
दिल्ली: 77वें स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष पर भी निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाए हुए कहा कि इसने सामाजिक न्याय को तबाह किया है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भाई-भतीजावाद और परिवारवाद को भी निशाने पर लिया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘लोकतंत्र (Democracy) में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिप्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे देश की सारी समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार दीमक की तरह है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है।
यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। हमारे देश को परिवारवाद ने नोंच लिया है, इसने जकड़कर रखा है। तीसरी बुराई है तुष्टीकरण। इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, हम इन तीन बुराई के खिलाफ पूरे सामर्थ्य से लड़ना है। ये ऐसी चीजें पनपी हैं जो हमारे देश (Country) की आकांक्षाओं का दमन करती है। हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है।या है। अगर देश विकास चाहता है तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे।