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दिल्ली न्यूज़: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि स्टार्टअप के लिए बड़ी नीतिगत पहल करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। पूसा मेला ग्राउंड, दिल्ली में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित एग्री स्टार्टअप कांफ्रेंस में श्री तोमर ने बताया कि कृषि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र मार्गदर्शन के लिए कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय संचालन समिति गठित की जाएगी। एग्री स्टार्टअप्स की सफल पहलों को आगे बढ़ाने और उनके लोकव्यापीकरण के लिए 500 करोड़ रूपये का एक्सीलरेटर प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। बड़ी संख्या में उपस्थित एग्री स्टार्टअप प्रतिनिधियों के बीच केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने ऐलान किया कि कृषि सचिव की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें संबंधित एजेंसियों जैसे डेयर, डीपीआईआईटी, कृषि इनक्यूबेटर व ज्ञान भागीदारों, कृषि विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, प्रमुख निवेशकों, अन्य हितधारकों के शीर्ष स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। साथ ही, कृषि मंत्रालय में कृषि स्टार्टअप के लिए संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में अलग डिवीजन बनाया जाएगा। प्रमाणन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों आदि के साथ एग्री स्टार्टअप के लिए आवश्यक सभी लिंकेज की सुविधा के लिए सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में काम करने के लिए सेल भी बनाया जाएगा।
तोमर ने बताया कि एग्री स्टार्टअप द्वारा विकसित उत्पादों की, बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए ई-नाम और नेफेड जैसी संस्थाओं के साथ एक मार्केटिंग लिंकेज बनाया जाएगा। सभी कृषि स्टार्टअप के लिए एक डेटाबेस तैयार करने और उनके विकास की निगरानी के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव का आयोजन राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर करने का प्रयास किया जाएगा।
तोमर ने कहा , " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले आठ साल में लगातार यह कोशिश रही है कि देश की ताकत उभरकर दुनिया के राजनीतिक मंच पर आना चाहिए। हमारे देश के किसान, नौजवान, स्टार्टअप आदि की ताकत को नियोजित तरीके से उभारकर लक्ष्य साधकर काम किया जाएं तो वह दिन दूर नहीं जब भारत सबका मार्गदर्शन करने दुनिया के राजनीतिक मंच पर खड़ा होगा। प्रधानमंत्री जब-जब भी विदेश गए तो वहां बैठकों के अलावा उन्होंने अप्रवासी भारतीयों से संपर्क कर उनका उत्साहवर्धन किया है। हमारे इन भाइयों-बहनों पर हमें गर्व है जो दुनिया को पोषित करने की क्षमता रखते है।
मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने व वोकल फार लोकल का आह्वान किया है, ऐसे में कभी विदेशी पैन देखकर गर्व करने वाले आज स्वयं सहायता समूह द्वारा बांस से बनाए गए पैन जेब में लगा देखकर गौरव का अनुभव करते हैं। पहले विदेश जाकर नौकरी करने की प्रतिस्पर्धा थी लेकिन आज हमारे कई युवा साथी विदेश में अच्छा जाब भी छोड़कर हिंदुस्तान में ही कोई उद्यम या आजीविका पूरी ताकत से करते हुए गौरव का अनुभव कर रहे हैं। यह बदलाव शुभ संकेत हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार तकनीक को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार चाहती है कि हमारे स्टार्टअप विद्यमान चुनौतियों का समाधान करते हुए देश-दुनिया के काम आएं, इस दिशा में कृषि मंत्रालय के साथ ही कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग (डेयर) एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सहित अन्य संस्थाओं द्वारा पूरी शिद्दत से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्नालाॅजी का लोकव्यापीकरण होना जरूरी है, तभी जन-जन को इसका वास्तविक लाभ होगा, साथ ही तकनीक ऐसी हो कि जिसकी लागत आम लोग वहन कर सकें।