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पुलिस ने डीमैट अकाउंट खुलवाकर 15 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
दिल्ली एनसीआर क्राइम न्यूज़: करेंसी ट्रैडिंग के नाम पर डीमैट खाता खुलवाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का यूपी साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। सेक्टर-36 स्थित परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मध्य प्रदेश से एक आरोपी को अरेस्ट किया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि अब तक गिरोह विभिन्न राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाकर 15 करोड़ रुपये की ठगी (15 Crore Fraud) कर चुके हैं। नोएडा साइबर थाना पुलिस ने अन्य राज्यों से आरोपी द्वारा किए खुलासे को साझा किया है ताकि गिरोह के अन्य आरोपियों को भी अरेस्ट किया जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजियाबाद के चिरंजीव विहार के गुलमौहर टावर निवासी अशोक कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी। नोएडा के सेक्टर-36 स्थित थाना साइबर क्राइम ने मामले की जांच शुरू की। शिकायत में कहा गया था कि डीमैट खाता खुलवाने का झांसा देकर उससे 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। साइबर क्राइम ने मामले की जांच करते हुए शोएब मंसूरी पुत्र महबूब मंसूरी निवासी मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शोएब मध्य प्रदेश के देवास में त्रिवेणी नगर में रह रहा था। आरोपी के पास से दो मोबाइल बरामद किए गए।
पूछताछ में आरोपी शोएब ने खुलासा कि वो ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का हिस्सा है। पूछताछ में उसने बताया कि इंदौर में अमदानी सॉल्यूशन के नाम से ऑफिस खोलकर सह अभियक्तों की मदद से जनता के लोगों को फोन करके करेंसी में ट्रेंडिंग करने के लिए डिमैट खाता खुलवाते थे। वो यूजन आईडी और पासवर्ड अपने पास ही रखते थे ताकि डिमैट खातों का एडमिशन एक्सिस कर सकें।उसने बताया कि कस्टमर से धनराशि अलग-अलग बैंक खातों व अलग-अलग डिमैट खातों में ली जाती थी। कस्टमर को डिमैट खाते में दिखाई देने वाली राशि बढ़ती दिखती थी, जबकि ऐसा नहीं होता था। जब कस्टर विश्वास करके धनराशि इन्वेस्ट करता और जब वो प्रॉफिट लेना चाहता तो जीएसटी, कन्वर्जन चार्ज, सैटलमेंट चार्ज के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में और राशि ट्रांसफर करा ली जाती थी।
आरोपी शोएब ने बताया कि उसने यह धोखाधड़ी करने के लिए कुछ लड़के और लड़कियों को खाता खोलने और कॉल करने के लिए रखा था। उसने माना कि गाजियाबाद के अशोक कुमार मिश्रा से उसने 15 लाख रुपये की ठगी की। उसने खुलासा किया कि गैंग की मदद से अब तक विभिन्न राज्यों से 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। संबंधित जांच अधिकारी का कहना है कि सभी राज्यों से यह डिटेल्स साझा की जा रही हैं ताकि गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।