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पुलिस ने पंजाब के संगरूर से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले को किया गिरफ्तार

Admin Delhi 1
5 Jun 2022 4:56 AM GMT
पुलिस ने पंजाब के संगरूर से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले को किया गिरफ्तार
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दिल्ली/पंजाब क्राइम न्यूज़ अपडेट: पूर्वी जिला साइबर थाना पुलिस ने देशभर के अलग-अलग इलाकों में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले एक बदमाश पंजाब के संगरूर जिले से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी बिंदर कुमार है। आरोपी ठगी की रकम को एक भिखारी के बैंक खाते मंगवाता था। पुलिस ने बिंदर के पास से एक लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, चार सिमकार्ड, एक पासबुक और एक एटीएम कार्ड व अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी ने अब तक कितने लोगों का चूना लगा चुका है। हालांकि जांच के दौरान पता चला कि मार्च से अब तक आरोपी ने 1.90 लाख रुपये ठगी की है।

पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि बैंक खाता किसी कुलदीप कुमार नामक व्यक्ति का है और जो पंजाब के संगरूर में रहता है। एक टीम को तुरंत पंजाब भेजा गया। कुलदीप के पास पहुंचने पर पता चला कि वह एक भिखारी है और भीख मांगता है। बिंदर कुमार नामक व्यक्ति ने उसके नाम पर एक खाता खुलवाया था। खाते का संचालन बिंदर ही करता है। तुरंत टीम ने गुरु अर्जुन देव कालोनी सुनाम में छापेमारी कर आरोपी बिंदर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसने ठगी की बात कबूल कर ली। आरोपी ने बताया कि उसने कुलदीप के नाम से मोबाइल की सिम भी जारी करवा ली थी। शुरुआत में बिंदर खुद एक ठग के पास चालक की नौकरी करता था। उससे इसने ठगी के तरीके सीखे। उसके दूसरी जगह शिफ्ट होने के बाद बिंदर ने भी ठगी का धंधा शुरू कर दिया।

दैनिक समाचार पत्र में मोबाइल टावर लगवाने का देखा था विज्ञापन: पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली निवासी गंगाचरण नामक व्यक्ति ने ठगी की शिकायत साइबर थाने में कराई थी। गंगाचरण ने बताया कि उसने एक दैनिक समाचार पत्र में मोबाइल टावर लगवाने का विज्ञापन देखा था। उसमें दावा किया गया था कि टावर लगवाने के बाद उसके बदले हर माह मोटा किराया मिलेगा। गंगाचरण ने दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। आरोपी ने गंगाचरण से चार अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिये 62450 रुपये ठग लिये। इसके बाद भी आरोपी लगाकार गंगाचरण से रुपये मांगने लगा। ठगी का अहसास होने पर पीडि़त ने मामले की शिकायत पुलिस से की। मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस ने जिस बैंक खाते में रकम ट्रांसफर हुई और जिन नंबरों से पीडि़त की आरोपी से बात हुई उनकी जांच की।

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