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पुलिस ने 153 लोगों को दबोचा, काल सेंटर बना 150 चीनी लोन एप के लिए करते थे वसूली
आउटर नार्थ साइबर पुलिस ने 150 चीनी लोन एप के लिए वसूली करने में लिप्त काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने काल सेंटर के संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 149 कर्मचारियों को नोटिस देकर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
डीसीपी बीके यादव ने बताया कि नरेला निवासी हिमांशु गोयल ने 28 मई और 14 जुलाई को एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने फेसबुक पर तुरंत लोन मिलने का विज्ञापन देखा और आन स्ट्रीम लोन एप डाउनलोड कर लिया। पीड़ित ने 50 हजार रुपये के लोन के आवेदन किया लेकिन सिर्फ 6870 रुपये मिले।
इसके बाद फोन कर और व्हाट्स एप पर अश्लील फोटो भेजकर पीड़ित को प्रताड़ित किया जाने लगा। पीड़ित ने करीब एक लाख रुपये दे दिए लेकिन इसके बाद भी वसूली के लिए परेशान किया जाता था। पुलिस ने ठगी एवं अवैध वसूली की धारा में एफआईआर दर्ज कर लिया। साथ ही एसएचओ रमन सिंह की देखरेख में टीम ने जांच शुरू की।
तीन मंजिल पर चल रहा था काल सेंटर
डीसीपी बीके यादव ने बताया कि टेक्निकल सर्विलांस के जरिए काल सेंटर की लोकेशन द्वारका इलाके में मिली। इसके बाद इंस्पेक्टर रमन सिंह एवं इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार की टीम ने सोमवार को द्वारका के रामफल चौक के पास इमारत में छापा मारा।
पुलिस के छापे के वक्त 134 महिलाएं और 15 पुरुष लोन लेने वाले लोगों को फोन करने और अश्लील फोटो भेजने में जुटे थे जबकि सरगना अनिल अपने साथियों आलोक अविनाश और कनन के साथ प्रबंधन कर रहा था। इमारत के बाहर फ्लाई हाई ग्लोबल सर्विल का बोर्ड लगा हुआ। जांच में मालूम हुआ कि अनिल दो साल से काल सेंटर चला रहा था।
तीस फीसद कमीशन पर काम
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनिल की टेलीग्राम एप से दो चीनी नागरिकों अलबर्ट एवं ट्रे से मुलाकात हुई थी। दोनों लोन एप के जरिए कर्ज बांटते थे। अनिल इन दोनों लोन एप से कर्ज लेने वाले लोगों को फोन कर परेशान करने एवं अश्लील फोटो भेजने की जिम्मेदारी लेता था। फिर बैंक खाते में जितनी भी रकम आती थी उसका तीस फीसद कमीशन निकालकर वह अलबर्ट एवं ट्रे को भेज दिया था। वह चीनी नागरिकों से डिंग टाक एप से बात करता था। अभी तक की जांच में सामने आया है कि अनिल 150 चीनी लोन एप के लिए वसूली करने का काम करता था। वह पूरे देश में लोगों को फोन कर धमकी देने एवं प्रताड़ित करने का काम करता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनिल ने फर्जी कम्पनी बनाई जिसके नाम पर तीन सौ सिम कार्ड लिए थे। इनके जरिए फोन करने एवं व्हाट्स पर फोटो भेजने का काम किया जाता था। पुलिस ने 153 हार्ड डिस्क, 3 लैपटाप, 141 कीपैड फोन, चार डीवीआर और 10 स्मार्ट फोन बरामद किए हैं।