दिल्ली-एनसीआर

पुलिस की कार्रवाई: आईआरएस समेत करीब 600 बड़े सरकारी अफसरों से 19 करोड़ ठगी, दो लोग गिरफ्तार

Deepa Sahu
23 Dec 2021 1:59 AM GMT
पुलिस की कार्रवाई: आईआरएस समेत करीब 600 बड़े सरकारी अफसरों से 19 करोड़ ठगी, दो लोग गिरफ्तार
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पुलिस की कार्रवाई

आईआरएस समेत पूर्व व मौजूदा करीब 600 बड़े सरकारी अधिकारियों से 19 करोड़ की ठगी के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया है। आरोपयों की पहचान पश्चिम विहार निवासी अशोक शर्मा (69) और इसके बेटे नित्या शर्मा (37) के रूप में हुई है। पिता-पुत्र की जोड़ी ने नरेला जोन में डीडीए की लैंड पूलिंग योजना के तहत विभिन्न कैटगिरी में फ्लैट देने का झांसा देकर ठगी की।

जांच के दौरान पता चला कि डीडीए की ओर से इस तरह की किसी भी योजना को मंजूरी नहीं दी गई है। जिस जमीन पर पिता-पुत्र हाउसिंग सोसायटी बनाने की बात कर रहे थे, वह जमीन 2011 से विवादित थी। छानबीन के बाद पुलिस ने दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है
राज्या सभा के डिप्टी डायरेक्टर व अन्यों की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई
आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने बताया कि राज्यसभा के डिप्टी डायरेक्टर (सिक्योरिटी) पीके गौतम व अन्यों ने हाउस सोसायटी के नाम पर ठगी का आरोप लगाकर पश्चिम विहार थाने में मामला दर्ज कराया था। पीके गौतम ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपी अशोक शर्मा व इसके बेटे नित्या शर्मा ने स्काई लार्क मल्टीस्टेट ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के नाम से कंपनी बनाई हुई थी।
नरेला जोन में योजना के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर कराया गया निवेश
पिता-पुत्र की जोड़ी ने झांसा दिया कि नेरला में डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत अलग-अलग श्रेणियों में आवासीय फ्लैट तैयार किए जाएंगे। आरोपियों ने आईआरएस, पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर व मौजूद बड़े सरकारी अधिकारियों लुभाया। पिता-पुत्र के झांसे में आकर करीब 600 सरकारी अधिकारियों ने इनकी सोसायटी में 19 करोड़ से अधिक निवेश कर दिया। बाद में पता चला कि आरोपियों ने न तो सोसायटी के लिए अब तक कोई जमीन ही खरीदी थी और न निवेशकों रुपये लौटाए गए। 21 फरवरी 2020 को पुलिस ने मामला दर्ज किया। बाद में मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई।
जिस जमीन पर सोसायटी बनाने की बात की जा रही थी जांच के दौरान वह भी विवादित मिली। वर्ष 2011 से मुकदमेबाजी में फंसी थी। वहीं डीडीए ने भी ऐसी किसी प्रजोक्ट के लिए कोई मंजूरी भी नहीं दी थी। आरोपियों के बैंक खातों की जांच की तो पता चला कि ठगी की रकम में से छह करोड़ रुपये आरोपी कैश ही निकाल चुके थे। छानबीन के बाद पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को पश्चिम विहार से दबोच लिया। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अपना अपराध कबूल भी कर लिया। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
कौन हैं पकड़े गए आरोपी
पुलिस की पूछताछ में आरोपी अशोक शर्मा ने बताया कि वह मूलरूप से हिमाचल प्रदेश, कांगड़ा का रहने वाला है। काफी समय पूर्व वह दिल्ली आ गया था। यहां उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उसने केमिकल इंडस्ट्रिज, मार्केटिंग, केबल टीवी समेत अन्य क्षेत्रों में हाथ आजमाया, जहां इसे भारी घाटा हुआ। इसके बाद उसने स्काईलार्क नाम से सोसायटी बनाई। द्वारका में उसने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर निवेशकों के हवाले भी किया। इसके बाद इसने लोगों का विश्वास जीता।
सरकारी अधिकारियों में बनाई पैठ
द्वारका में प्रोजेक्ट पूरी करने के बाद आरोपी ने सरकारी अधिकारियों में पैठ बनाना शुरू कर दी। वह अलग-अलग मंत्रालय व विभाग के लोगों से मिलने लगा। यहां उसने कई आईआरएस अधिकारियों से संपर्क बना लिए। इसके बाद उसने अपने नए हाउसिंग प्रोजेक्ट के बारे में सरकारी अधिकारियों को बताकर उन्हें निवेश करने के लिए कहा।
आरोपी ने कहा कि डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत सोसायटी बनाई जाएगी। अशोक का बेटा नित्या शर्म खुद को अपनी सोसायटी का सीईओ बताता था। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि इनके साथ ठगी की वारदात में और कौन-कौन शामिल हैं।
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