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अकेले ब्रह्मोस से पूरा हो जाएगा PM मोदी का सपना, भारतीय हथियारों की बढ़ी मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक डिफेंस एक्सपोर्ट में पांच बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त करने का लक्ष्य दिया है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस के अध्यक्ष अतुल डी राणे ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अकेले ब्रह्मोस एयरोस्पेस उस समय आंकड़े को हासिल करने में सक्षम होगा. उन्होंने बताया कि हम फिलीपींस से ज्यादा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. इसके लिए हम निर्यात के लिए वियतनाम, मलेशिया और कई अन्य देशों से बात कर रहे हैं.
भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है. इसके अलावा निगाहें अब एक्सपोर्ट पर भी है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस के अध्यक्ष अतुल डी राणे ने बताया कि फिलीपींस से अभी और ऑर्डर मिल सकता है. 2025 तक हम अपने टारगेट को आराम से अचीव कर लेंगे. दरअसल, पीएम मोदी ने 2025 तक डिफेंस एक्सपोर्ट का पांच बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य दिया है. इससे पहले इस देश से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सौदा हो चुका है. अब भारत ने फिलीपींस की सेना से आर्टिलरी सिस्टम को अपग्रेड करने के साथ ही एयर डिफेन्स सिस्टम खरीदने के लिए पेशकश की है.
भारत लगातार बढ़ा रहा एक्सपोर्ट
भारत लगातार अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही फिलीपींस की सेना को परिचालन और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण देने के लिए भी भारत तैयार है. इसके जवाब में फिलीपींस ने रक्षात्मक तकनीक प्रदान करने की पेशकश पर भारत को धन्यवाद दिया है। फिलीपींस अपनी लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए भारत से एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों (एएलएच) का एक बैच भी खरीद रहा है.
वेपन डिप्लोमेसी से सधेंगे छोटे देश
2014 में केंद्र सरकार बनने के बाद 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम लॉन्च किया गया था. इसके बाद आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य हथियारों के मामले में किसी दूसरे देश पर निर्भर न रहना है. भारत की क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सौदा फिलीपींस के साथ फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस और आर्मीनिया के साथ पिनाका का सौदा इसी बात का उदाहरण है.अर्जेंटीना के साथ तेजस लड़ाकू विमान की बिक्री को लेकर भी अडवांस स्टेज में बातचीत चल रही है. इंडोनेशिया और थाईलैंड भी हथियारों की खरीद को लेकर भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. भारत वेपन डिप्लोमेसी के तहत कई देशों को हथियार सप्लाई करना चाहता है.
ब्रह्मोस में क्या है खास?
ब्रह्मोस भारत और रूस की ओर से विकसित दुनिया की सबसे तेज और सबसे घातक क्रूज मिसाइल है. भूमि, समुद्र, पानी के नीचे और वायु प्लेटफार्मों से लॉन्ट एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्षमता वाले यूनिवर्सल ब्राह्मोस वेपन सिस्टम को खास तरह से डिजाइन किया गया है. ब्रह्मोस ने मूविंग और स्थिर दोनों प्लेटफॉर्म से सिंगल या साल्वो मोड में कई अच्छे रिजल्ट दिए हैं. जमीन से लॉन्च से शुरू हुए सफर के बाद ब्राह्मोस को भूमि-से-भूमि, भूमि से समुद्र, समुद्र से भूमि, समुद्र से समुद्र, उप-भूमि, हवा से समुद्र और हवा से भूमि तक लॉन्च करने का टेस्ट किया गया है. अब ब्रह्मोस भारतीय सेना की तीनों विंगों में शामिल है.
डीआरडीओ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ब्रह्मोस उड़ान के माध्यम से सुपरसोनिक गति के साथ 290 किमी की सीमा तक टारगेट हिट कर सकती है. इसे हवा, जमीन, समुद्र और पानी के नीचे के प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. इसके अलावा कम उड़ान समय में इसका अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता है. बहुत अधिक ऊर्जा के कारण इसे उच्च विनाश क्षमता वाला माना जाता है और समुद्र और जमीन के लक्ष्यों में काफी प्रभावी है.