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पीएम मोदी: पिछले आठ वर्षों में न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने का काम हुआ

Suhani Malik
30 July 2022 6:18 AM GMT
पीएम मोदी: पिछले आठ वर्षों में न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने का काम हुआ
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ब्रेकिंग न्यूज़: पहले अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन में पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहले अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शिरकत करने विज्ञान भवन पहुंचे। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण भी मौजूद रहे। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं।

पिछले आठ वर्षों में देश की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने का काम हुआ: पीएम मोदी पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। इसे आधुनिक बनाने के लिए 9,000 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही: पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है। कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके: पीएम पीएम मोदी ने कहा कि न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की। ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके।

आम नागरिक संविधान में अपने अधिकारों से परिचित हो: पीएम पीएम मोदी ने कहा कि एक आम नागरिक संविधान में अपने अधिकारों से परिचित हो, अपने कर्तव्यों से परिचित हो। उसे अपने संविधान, और संवैधानिक संरचनाओं की जानकारी हो, नियम और समाधान की जानकारी हो। इसमें भी टेक्नोलॉजी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।

देश में अंडर ट्रायल कैदियों की समस्या का समाधान हो: पीएम पीएम मोदी ने कहा कि देश में अंडर ट्रायल कैदियों से जुड़े मानवीय विषय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले भी कईं बार संवेदनशीलता दिखाई गई है। ऐसे कितने ही कैदी हैं, जो कानूनी सहायता के इंतजार में वर्षों से जेलों में बंद हैं। हमारी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस ऑथोरिटी इन कैदियों को कानूनी सहायता देने का जिम्मा उठा सकती हैं।

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