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प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे करेंगे 'मन की बात', इन मुद्दों पर कर सकते हैं चर्चा

Renuka Sahu
27 March 2022 2:11 AM GMT
प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे करेंगे मन की बात, इन मुद्दों पर कर सकते हैं चर्चा
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फाइल फोटो 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश-विदेश की जनता से अपने विचार साझा करेंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में देश-विदेश की जनता से अपने विचार साझा करेंगे. यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की 87वीं कड़ी होगी. आकाशवाणी के अलावा दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी मन की बात का सीधा प्रसारण होगा. अगले सप्ताह से शुरू हो रहीं नवरात्रि के चलते मोदी इस बार महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी वह बात कर सकते हैं.

आकाशवाणी से हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा. क्षेत्रीय भाषा में कार्यक्रम रात आठ बजे फिर सुना जा सकेगा. 'मन की बात' प्रधानमंत्री का वो मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जो हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है. पीएम मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद, इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसमें वह तमाम मुद्दों पर देश के लोगों से बात करते हैं.
कार्यक्रम आमतौर पर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है. इसकी पहली कड़ी अक्टूबर 2014 में प्रसारित हुई थी और यह 2019 में एक संक्षिप्त अवधि को छोड़कर, जब प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान इसे रोक दिया था, निर्बाध रूप से चल रहा है. इसमें वह सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ महीने की प्रमुख गतिविधियों और आने वाले त्योहारों और आयोजनों पर भी चर्चा करते हैं.
प‍िछले महीने उन्‍होंने इस कार्यक्रम में कहा था कि चोरी करके ले जाई गई 200 से अधिक बहुमूल्य प्रतिमाओं और धरोहरों को पिछले सात सालों में विभिन्न देशों से वापस लाया गया है और यह सफलता भारत के प्रति बदल रहे वैश्विक नजरिए का एक उदाहरण है. पीएम ने कहा था कि देश की जब कोई बहुमूल्य धरोहर वापस मिलती है तो स्वाभाविक है कि एक हिन्दुस्तानी के नाते सभी को संतोष मिलना बहुत स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों के देश के इतिहास में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं और हर मूर्ति के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नजर आता है. उन्होंने कहा था कि यह धरोहर भारत की मूर्तिकला का नायाब उदाहरण तो हैं ही, भारतीयों की आस्था से भी जुड़ी थीं.


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