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PM मोदी : मुद्रास्फीति पर काबू पाने के प्रयास जारी रहेंगे, परंपरागत पेशों के लिए लाएंगे विश्वकर्मा योजना

Tara Tandi
15 Aug 2023 1:17 PM GMT
PM मोदी : मुद्रास्फीति पर काबू पाने के प्रयास जारी रहेंगे, परंपरागत पेशों के लिए लाएंगे विश्वकर्मा योजना
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में खाद्य उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए अधिक उपाय करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि बढ़ई और राजमिस्त्री जैसे परंपरागत पेशों से जुड़े लोगों को आजीविका के अधिक अवसर मुहैया कराने के लिए सरकार अगले महीने 15,000 करोड़ रुपये की 'विश्वकर्मा योजना' शुरू करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत उनके तीसरे कार्यकाल में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा. वर्ष 2047 में आजादी के 100 साल पूरा होने तक भारत की गिनती विकसित देश के रूप में होने लगेगी.
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किये हैं और इसे कम करने के लिए आने वाले दिनों में भी प्रयास जारी रहेगा. मोदी ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस दिशा में कदम उठाएंगे. हमारे प्रयास जारी रहेंगे.
उनका यह बयान खुदरा मुद्रास्फीति के 15 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच जाने के आंकड़े सामने आने के एक दिन बाद ही आया है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य एवं सब्जियों की कीमतों में उछाल आने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई.
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है. उन्होंने कहा, ''हम बाहर से वस्तुओं का आयात करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसके साथ मुद्रास्फीति का भी आयात हो जाता है.''
चालू वित्त वर्ष में पहली बार खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के सहनशील स्तर को पार कर गई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जून में 4.87 प्रतिशत थी जबकि जुलाई 2022 में यह 6.71 प्रतिशत थी.
इस संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ई, राजमिस्त्री और सुनार जैसे परंपरागत पेशों से जुड़े लोगों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के बजट वाली ‘विश्वकर्मा योजना' की शुरुआत की भी घोषणा की. इस योजना की शुरुआत 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर होगी.
उन्होंने कहा कि आवास योजनाओं से लेकर पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी पटरी वालों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने और ऐसे कई कार्यक्रमों की मदद से 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद मिली. मोदी ने लाल किले से अपने 10वें संबोधन में कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट वाली मुद्रा योजना ने देश के युवाओं के लिए स्वरोजगार, व्यवसाय और उद्यम के अवसर प्रदान किए हैं.
उन्होंने कहा कि करीब आठ करोड़ लोगों ने नए व्यवसाय शुरू किए हैं और प्रत्येक उद्यमी ने एक या दो व्यक्तियों को रोजगार दिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में आयकर छूट सीमा बढ़ाने, दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल इंटरनेट डेटा शुल्क, 18,000 गांवों को बिजली मुहैया कराने, वंचितों के बैंक खाते खोलने, राजमार्गों तथा हवाईअड्डों के निर्माण और छोटे व मध्यम उद्यमियों को समर्थन देने जैसी उपलब्धियां हासिल हुई हैं.
उन्होंने कहा, ''जब हम 2014 में सत्ता में आए तो हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे और आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले पांच वर्षों में मोदी की यह गारंटी है कि देश दुनिया की पहली तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लेगा.''उन्होंने कहा कि भारत ने अब महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य रखे हैं और हरित हाइड्रोजन पर काम कर रहा है जिससे अर्थव्यवस्था को कार्बन-मुक्त करने में मदद मिलेगी.
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