दिल्ली-एनसीआर

अगले महीने तक मिलने लगेंगे सभी ट्रेनों में तकिया, चादर और कम्बल, जानिए क्या है रेलवे की तैयारी

Renuka Sahu
19 May 2022 1:30 AM GMT
Pillows, sheets and blankets will be available in all trains by next month, know what is the preparation of railways
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फाइल फोटो 

अगले माह तक सभी ट्रेनों में कंबल,चादर और तकिया सबकुछ मिलने लगेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगले माह तक सभी ट्रेनों (Train) में कंबल,चादर और तकिया सबकुछ मिलने लगेगा. यानी एसी क्‍लास में सफर करने वाले यात्रियों (Passenger) को घरों से कंबल, तकिया ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने सभी जोनों को यात्रियों को जल्‍द-जल्द यह सुविधा उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिए हैं. मौजूदा समय 529 जोड़ा ट्रेनों में यह सुविधा शुरू हो चुकी है और कुल 1114 जोड़ा ट्रेनों में यह सुविधा उपल्‍बध कराई जानी है.

भारतीय रेलवे ने कोरोना के दौरान संक्रमण रोकने के लिए ट्रेनों से तकिया, चादर, कंबल की सुविधा बंद कर दी थी. इनता ही नहीं एसी क्‍लास से पर्दे भी हटा दिए थे, लेकिन अब कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद रेलवे यह सुविध दोबारा से शुरू कर चुका है.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार कोरोना से पहले प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्‍सप्रेस और सुपरफास्‍ट ट्रेनें मिलाकर 1700 जोड़ों से अधिक ट्रेनों चलती थीं. इन ट्रेनों में से 1114 जोड़ा ट्रेनों में तकिया, चादर, कंबल आदि की सुविधा उपलब्‍ध करानी है. मौजूदा समय 529 जोड़ा ट्रेनों में यह सुविधा चालू हो चुकी है और बची हुई 585 ट्रेनों में यह सुविधा अगले माह उपलब्‍ध करा दी जाएगी.
इसके साथ ही, एसी क्‍लास में पर्दे भी दोबारा से लगाए जा रहे हैं. कुल 1308 जोड़ा ट्रेनों में पर्दे लगने हैं,जिनमें से 1225 जोड़ा में लगाए जा चुके हैं और बची हुई 83 ट्रेनों भी जल्‍द पर्दे लगा दिए जांएगे.
सभी ट्रेनों में चादर, तकिया मिलने में इसलिए हो रही है देरी
रेलवे मंत्रालय के अनुसार रोजाना करीब 7.5 लाख तकिया, चादर,कंबल आदि की जरूरत पड़ती है. चादरों की उम्र एक साल होती है. करीब दो साल इस्‍तेमाल न होने से काफी चादर खराब हो गए थे. इसके अलावा कोरोना की पहली लहर में ट्रेनों में कोविड कोच बनाए गए थे और काफी संख्‍या में मास्‍क बनाए गए थे. उनमें चादरों का इस्‍तेमाल किया गया. सरकार द्वारा 10 मार्च को सुविधा दोबारा से बहाल करने के आदेश के बाद केवल 40 फीसदी चादरों का स्‍टॉक था. अब दोबारा से चादर खरीदे जा रहे हैं. इसके लिए डीआरएम को पॉवर दिए गए हैं, जिससे वो जरूरत के अनुसार चादर आदि जल्‍द खरीद कर यह सुविधा उपलब्‍ध करा सकें.
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