- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- सुप्रीम कोर्ट से...
सुप्रीम कोर्ट से याचिकाएं खारिज, एनसीआर नॉएडा के बकायेदार बिल्डरों की अब खैर नहीं
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी (भूलेख) प्रसून द्विवेदी ने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तमाम बिल्डरों ने दोनों प्राधिकरण से लाखों वर्गमीटर जमीन के भूखंड आवंटन हासिल किए थे। बिल्डरों ने वक्त पर पैसा नहीं चुकाया। जिस पर प्राधिकरण में ब्याज और पेनल्टी लगाईं। बकाया पैसे की वसूली को लेकर साल 2017 में ‘विक्रम चटर्जी एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया’ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया। इस मुकदमे में ऐस ग्रुप ऑफ़ कंपनीज पक्षकार बनीं और इंटरवीन एप्लीकेशन दायर किया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जून 2020, 10 जुलाई 2020 और 25 अगस्त 2020 को अलग-अलग फैसले सुनाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से दोनों विकास प्राधिकरणों को तगड़ा झटका लगा। नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने अदालत के इस आदेश को चुनौती देने का फैसला लिया। प्राधिकरण की ओर से भी रिव्यू पिटिशन दाखिल किया गया। जिस पर करीब 2 वर्षों तक सुनवाई हुई।
अंतत: पिछले साल 7 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में सुनाए गए तीनों फैसले को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कोरोना काल शुरू होने तक प्राधिकरण ब्याज और पेनल्टी वसूल करेगा। कोरोना शुरू होने के बाद से अब तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एमसीएलआर पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज दर बढ़ाकर बकाया की वसूली की जाएगी।
बिल्डरों ने 7 नवंबर 2022 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक बार फिर रिव्यू पिटिशन दाखिल कर दिया। इस रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई हुई। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने बताया कि बिल्डरों की ओर से दाखिल की गई यह रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी गई है। अब प्राधिकरण बिल्डरों पर बकाया 19,301 करोड़ रुपए की वसूली सख्ती के साथ करेगा।