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लोगों ने नगर निगम की स्वास्थ्य सेवाओं पर जताई नाराजगी
दिल्ली: सिटीजन परसेप्शन सर्वे में नागरिकों ने एमसीडी की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहद खराब बताया है। कई नागरिकों ने इसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और हिंदूराव अस्पताल की सेवाओं को सबसे लचर बताया है। सिटीजन परसेप्शन सर्वे (सीपीएस) आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स का हिस्सा है, जो नागरिकों की उनके शहरों में जीवन की गुणवत्ता के संबंध में धारणा को सीधे पकड़ने की कोशिश करता है। यह सर्वेक्षण सरकारी प्रशासन को नागरिकों की राय को समझने और सेवाओं को सुधारने में मदद करेगा।
दिल्ली नगर निगम के 10 प्रमुख अस्पताल हैं। निगम के 12 चेस्ट क्लिनिक हैं, जहां दिल्ली के करीब 50 फीसदी टीबी रोगियों के इलाज होते हैं। इसके अलावा शहर में एमसीडी की डिस्पेंसरी हैं। एमसीडी का सबसे बड़ा अस्पताल बाड़ा हिंदूराव है। इस अस्पताल में 980 बेड हैं। इसके सभी ब्लॉक के भवन जर्जर और खतरनाक हो चुके हैं। इनमें कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बारिश के दिन में यहां मेन ऑपरेशन थियेटर का छज्जा गिरा था, इससे पहले गायनी कैजुअल्टी की गैलरी की छत का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था। उससे पहले स्त्री रोग विभाग की कैजुअल्टी की छत का भी कुछ हिस्सा गिर गया था। लेकिन भवनों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उठाए कदम: एमसीडी के 50 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों के लिए निगम अस्पतालों में समर्पित मेडिकल ओपीडी सुविधा शुरू हुई है, यहां सफाई कर्मचारियों को बिना विलंब के स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
दिल्ली नगर निगम ने भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को अपने अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रियान्वित किया है। हिदूराव अस्पताल में ई-संजीवनी सेवा शुरू की हैै, यह केंद्र सरकार की टेली कंसल्टेंशन सेवा है। यह सेवा संजीवनी ओपीडी एप के माध्यम से मरीज और डॉक्टर के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रदान करती है। मरीज इसके जरिये घर बैठे अपना इलाज करा सकता है। बिना रेफरल के चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती है।
सर्वे में जनता की ऐसी रही प्रतिक्रिया (ट्विटर पर दर्ज की गई राय)
गर्मी निकल गई, अब सर्दी आ गई लेकिन हिंदू राव अस्पताल का एएचयू सिस्टम ठीक नहीं हुआ। नवजात शिशु बुखार से बार बार नासिर में जा रहे हैं, मुझे अपने बेटे के लिए अस्पताल में खुद पंखा लेकर जाना पड़ा।
– विशाल नकवाल
एमसीडी के अस्पतालों को जाकर देखने पर इनकी असली हकीकत समझ में आएगी, इनकी हालत बेहद खराब है, एमसीडी के अस्पतालों में जाने वाले अधिकतम गरीब तबके के लोग होते हैं, वह ट्विटर पर नहीं मिलेंगे।
– कुंवर सिंह
दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक हैं वहीं पर एमसीडी की डिस्पंसरी की क्या आवश्यकता है, एक जैसी सुविधाओं के लिए दो जगह अलग अलग पैसा खर्च करने की क्या जरूरत
– अनिल कुमार माथुर