दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली में मिले मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की 21 दिनों तक होगी मॉनिटरिंग, घर में किए जाएंगे आइसोलेट

Renuka Sahu
26 July 2022 1:29 AM GMT
People coming in contact with monkeypox patient found in Delhi will be monitored for 21 days, isolation will be done at home
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फाइल फोटो 

मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को 21 दिन तक निगरानी में घर पर एकांतवास में रखा जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को 21 दिन तक निगरानी में घर पर एकांतवास में रखा जाएगा। अगर इस बीच उन्हें लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके आधार पर उनका इलाज किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर उक्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

दिशा-निर्देश के मुताबिक, मरीज को अस्पताल लाने और ले जाने में पीपीई का इस्तेमाल होना चाहिए। मरीज के त्वचा के दाने और घाव अच्छी तरह ढंके होने चाहिए। मरीज के मुंह पर सर्जिकल मास्क या तीन स्तर वाला मास्क लगाया जाना चाहिए। ऐसे लोग जिन्हें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनकी त्वचा से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा।
संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों को सप्ताहभर की छुट्टी
दिशा-निर्देश के मुताबिक, मंकीपॉक्स संक्रमितों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को सप्ताहभर से अधिक छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि 21 दिनों तक अपनी निगरानी करनी है।
लक्षण दिखें तो क्या करें
1. त्वचा पर चकत्ते होने पर: साधारण एंटीसैप्टिक से चकत्ते को साफ करें। इन्हें छुएं या खुरचें नहीं। डॉक्टर एंटीबायोटिक भी शुरू कर सकते हैं
2. जननांगों पर छाले या दाने होने पर: टब में साफ पानी भरकर उसमें बैठना है। ऐसा कई बार कर सकते हैं
3. मुंह में छाले होने पर: गुनगुने पानी से गरारे करें। डॉक्टर के सुझाव पर जेल लगा सकते हैं
4. डिहाइड्रेशन होने पर: तरल पदार्थ लें। अच्छे पोषक तत्व वाला भोजन ले सकते हैं। जरूरी हो तो आईवी के जरिए फ्लूइड चढ़ाया जा सकता है
5. अन्य लक्षण: डॉक्टर को बताएं और उसके अनुसार एहतियात बरतें।
अधिकतर बुखार और चकत्ते जैसे लक्षण
मंकीपॉक्स के मरीजों में अधिकतर बुखार और चकत्ते जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं। लक्षण दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं। हालांकि बच्चों में गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मरीज चकत्ते दिखने से लेकर चकत्तों की पपड़ी गिरने तक संक्रमण का शिकार हो सकता है।
फिलहाल तीन से छह फीसदी मृत्युदर
मंकीपॉक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है। मंकीपॉक्स में मृत्युदर एक से 111 फीसदी तक हो सकती है। हालांकि हाल के दिनों में तीन से छह फीसदी ही मृत्युदर देखी गई है।
स्रोत: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
एलएनजेपी में भर्ती मरीज की हालत में सुधार
दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती मंकीपॉक्स के 32 वर्षीय मरीज को अस्पताल में भर्ती हुए सोमवार रात 10 बजे कुल 96 घंटे हो गए। अभी मरीज की सेहत में काफी सुधार है। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, मरीज के शरीर पर 14 जुलाई से ही दाने बनने शुरू हुए थे। 21 जुलाई तक दानों का आकार बढ़ गया और पीठ, गर्दन के अलावा जननांगों, हथेलियों और तलवे पर पानी वाले दाने बनने लगे थे। लक्षण उभरने के बाद से सोमवार को कुल 11 दिन हो चुके हैं।
दाने अब ठीक होने शुरू हो गए हैं। उनपर पपड़ी जमनी शुरू हो गई है। हालांकि, कुछ नए दाने अभी भी सूखे नहीं हैं। नए दाने नहीं उभर रहे हैं। मरीज को लगाने के लिए एंटीबायोटिक क्रीम दी जा रही है। रविवार तक उसे पेनकिलर दिया जा रहा था। हालांकि, अब मरीज को दर्द नहीं है।
रिकवरी के चरण से गुजर रहा
डॉक्टरों का कहना है कि मरीज रिकवरी के चरण में हैं। गाइडलाइन के मुताबिक, मरीज को 21 दिन तक निगरानी में रखा जाता है, लेकिन जब तक सभी दानों पर पपड़ी नहीं जम जाती और और नई त्वचा नहीं आ जाती तब तक दोबारा सैंपल नहीं लिया जा सकता।
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