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गौतमबुद्ध नगर में 15 स्थानों से संभलकर गुजरें, पूर्व आईजी ने रोड इंजीनियरिंग पर उठाए थे सवाल

Admin Delhi 1
15 March 2023 1:08 PM GMT
गौतमबुद्ध नगर में 15 स्थानों से संभलकर गुजरें, पूर्व आईजी ने रोड इंजीनियरिंग पर उठाए थे सवाल
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नोएडा न्यूज़: यातायात पुलिस ने वर्ष 2022 और इससे पहले के सालों में हुए सड़क हादसों के आधार पर जिले में 15 ब्लैक स्पॉट की सूची जारी की है. इन स्थानों पर पांच से आठ लोगों की मौत हुई. यहां पर यातायात पुलिस नोएडा-ग्रेनो और यीडा, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर संबंधित स्थानों पर सुधार को लेकर काम करेगी.

नोएडा-ग्रेनो में सड़क हादसों का ग्राफ लगातर बढ़ता जा रहा है. वर्ष 2022 में 1122 सड़क हादसे हुए. नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे पर हर सप्ताह चार-पांच लोगों की सड़क हादसों में मौत हो रही है. इनके अलावा कुछ और अन्य स्थान भी शामिल हैं, जहां अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नोएडा में वाहनों की संख्या में पिछले कुछ सालों में इजाफा हुआ है. इसके बावजूद कुछ सड़कें ऐसी हैं जहां पर तेज रफ्तार से वाहन निकलते हैं.

करीब नौ-दस साल पहले मेरठ मंडल के आईजी रहे आलोक शर्मा ने शहर के सेक्टर-62 मॉडल टाउन, सेक्टर-32 सिटी सेंटर समेत कुछ और स्थानों पर जाकर ट्रैफिक का हाल देखा था. उस समय उन्होंने यहां के चौराहे-तिराहे और सड़कों की रोड इंजीनियरिंग व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए थे. इसके अलावा शहर के लोग भी आए दिन सवाल खड़े कर रहे हैं. इसके बावजूद इनमें सुधार के लिए कभी गंभीरता नहीं बरती गई.

पहले 34 ब्लैक स्पॉट थे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ साल पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 34 ब्लैक स्पॉट चिन्ह्ति थे. संबंधित विभागों के साथ मिलकर उन स्थानों पर काफी सुधार किए गए, जिससे हादसों में कमी आई और वह ब्लैक स्पॉट की सूची से बाहर कर दिए गए. सुधारों में मुख्य रूप से स्पीड ब्रेकर बनाना, घुमावदार स्थान को ठीक करना, वाहनों की गति कम रखने के लिए बोर्ड लगाना, चौराहे-तिराहे को ठीक करना ताकि वाहन न टकराने पाएं समेत अन्य जरूरी सुधार किए गए.

ऐसे तय होते हैं स्पॉट यातायात पुलिस निरीक्षक आशुतोष सिंह ने बताया कि एक ही स्थान पर एक ही साल में पांच से अधिक मौत होने पर उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है. इसके बाद सबसे पहले इंजीनियरिंग के हिसाब से उस स्थान की मौके की स्थिति देखी जाती है. लोगों को सचेत करते हुए साइन बोर्ड लगाए जाते हैं. तीन साल में संबंधित स्थान पर हादसा नहीं हुआ है तो उसे ब्लैक स्पॉट की सूची से बाहर कर दिया जाता है.

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