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दिल्ली-एनसीआर
मां-पिता ने तीन दिन के बच्चे को बेचा, पुलिस और महिला आयोग ने किया रेस्क्यू
HARRY
17 Jun 2022 2:43 PM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर आठ महीने के एक बच्चे का रेस्क्यू किया है, जिसे उसके ही माता-पिता ने तीन दिन की आयु में 5 लाख रुपये में बेच दिया था. बच्चे के बदले उसके मां-बाप को 5 लाख रूपये देने की बात हुई थी, जिसमें से 20,000 रुपये का भुगतान तुरंत कर दिया था और शेष राशि बाद में देने का वादा किया गया, लेकिन 7 महीने बीत जाने के बाद भी शेष राशि का भुगतान नहीं हुआ.
इसलिए बच्चे की मां ने शेष राशि दिलवाने के लिए आयोग से संपर्क किया. बच्चे की मां ने 181 महिला हेल्पलाइन पर उसके बच्चे को खरीदने वाली महिला से शेष राशि दिलवाने के लिए आयोग से सहायता मांगी जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.
DCW ने मामले को समझने के लिए तुरंत अपनी टीम उस महिला के पास भेजी और तब पता चला कि बेचे गए बच्चे के माता-पिता के पहले से ही 4 बच्चे थे और वह अब संतान नहीं चाहते थे. जिसके कारण बच्चे की मां गर्भपात कराना चाहती थी. सोनिया नाम की उसकी एक सहेली ने उसे गर्भपात कराने से रोका और बताया कि अगर वह बच्चे को जन्म देती है, तो उस बच्चे को बेचकर उसको पैसे मिल सकते हैं. जिसके बाद सोनिया ने उनसे बच्चे के लिए 5 लाख रुपये देने का वादा किया और बच्चे के माता पिता इस सौदे पर तैयार हो गए.
इसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने मैदान गढ़ी पुलिस थाने में संपर्क किया और 11 मई 2022 को FIR दर्ज कराई. जिसके बाद आयोग नियमित रूप से दिल्ली पुलिस से संपर्क में रहा. आखिरकार 11 जून 2022 को गुरुग्राम के एक गांव से बच्चे का रेस्क्यू कर लिया गया. दिल्ली पुलिस ने बच्चे की मां समेत तस्करी और बिक्री में शामिल 8 लोगों को हिरासत में लिया. अब पुलिस बच्चे के पिता को भी गिरफ्तार करने में जुटी है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि माता-पिता ने अपने ही 3 दिन के बच्चे को बेच दिया. दिल्ली पुलिस और DCW ने बच्चे को सफलतापूर्वक बचाया है, जो अब एक आश्रय गृह में सुरक्षित है. इस मामले में FIR भी दर्ज की गई है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. बाल कल्याण समिति को उस बच्चे का उचित और तत्काल पुनर्वास करना चाहिए. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि तस्करी के मामले हर दिन के साथ बढ़ रहे हैं और तत्काल एवं कठोर कार्रवाई से ही इन्हें रोका जा सकता है."
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