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अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय पर किया प्रदर्शन, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली: निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत चयनित हुए बच्चों का निजी स्कूलों द्वारा एडमिशन नहीं लिया जा रहा है। स्कूल और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के बाद भी एडमिशन नहीं होने पर सोमवार को अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (जीपीए) के बैनर तले अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।
घंटों चले प्रदर्शन के बाद बीएसए ने चुनाव के चलते 15 मई तक का समय मांगा है। इसके बाद एडमिशन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। सत्र 2023-24 के लिए आरटीई के तहत एडमिशन की प्र्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आरटीई में अभी भी 150 से अधिक बच्चों का एडमिशन नहीं हो सका है। अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल रोज टाल रहे है। सोमवार को दाखिलें नहीं लेने और चयनित बच्चों के घर स्टाफ भेजकर वैरिफिकेशन कराने की शिकायतों को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। हालांकि बीएसए बुलंदशहर में मीटिंग के चलते कार्यालय में मौजूद नहीं थे, करीब 4 घंटे तक प्रदर्शन किया।
धरना प्रर्दशन की सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई और मामले का संज्ञान लेते हुए एसडीएम विनय कुमार ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से फोन पर बात कर बुलंदशहर मीटिंग में बीएसए के होने के चलते एसोसिएशन को अपना ज्ञापन एसीपी को देने को कहा। लेकिन, अभिभावक बीएसए को ही ज्ञापन देने पर अड़े रहे। दोपहर करीब 2 बजे बीएसए के पहुंचने पर एसोसिएशन के पदाधिकारी और अभिभावकों संग बीएसए की वार्ता हुई।
बीएसए ने चुनाव बाद जांच कमेटी बनाकर दाखिलें नहीं लेने वाले निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि तीन दिन पूर्व ही विजयनगर स्थित एक निजी स्कूल एडमिशन को लेकर भी एक माह से बच्ची की माँ चक्कर लगवा रहे है। स्कूल द्वारा अभिभावक से 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट भी मांगी जा रही है। ज्ञापन में ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान धर्मेंद्र यादव, कौशल ठाकुर, विवेक त्यागी, विनय कक्कड़ अन्य उपस्थित रहें।