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पंचायती राज भारतीय लोकतंत्र का मूल आधार, संसद की तरह होना चाहिए प्रश्नकाल : बिरला
Rani Sahu
7 Jun 2023 3:40 PM GMT
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नई दिल्ली ( आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय लोकतंत्र का मूल आधार बताते हुए सुझाव दिया है कि एक ऐसी प्रणाली पर काम किया जा सकता है, जिसका उपयोग करते हुए जिला परिषद भी राज्य विधानसभाओं या संसद की तरह कार्य कर सकें और जिसमें प्रश्नकाल, उत्तर दिए जाने आदि के पहलुओं को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता भी आएगी। (18:47)
Question Hour should be like Parliament - Birlaलोकसभा अध्यक्ष बिरला ने पानीपत और करनाल की जिला परिषदों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित परिचय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'पंचायत राज' इकाइयां लोकतंत्र की नींव हैं और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था देश की पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ आधार पर मजबूती से टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वशासन से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आम आदमी की भागीदारी सुनिश्चित होती है और इसके माध्यम से आम आदमी अपने कानूनों, नीतियों आदि की योजना बनाने और उन्हें आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होता है।
उन्होंने गांवों को भारतीय लोकतंत्र का केंद्र बताते हुए कहा, "हमारे गांवों को मजबूत और समृद्ध बनाने से ही मजबूत भारत बनेगा। इसलिए स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों का जनता के साथ घनिष्ठ संपर्क होता है, इसलिए उन्हें व्यापक चर्चा और संवाद के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि एक लोकतंत्र के रूप में हमें सही मायने में प्रगतिशील समाज के विकास के लिए जन-केंद्रित नीतियों पर अधिक जोर देना होगा।
--आईएएनएस
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