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पंचायत स्तर की महिलाओं को मिलेगी अब आर्थिक हिस्सेदारी : स्मृति ईरानी

Rani Sahu
23 Jan 2023 2:38 PM GMT
पंचायत स्तर की महिलाओं को मिलेगी अब आर्थिक हिस्सेदारी : स्मृति ईरानी
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, पंचायत स्तर की महिलाओं को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक पहचान मिलेगी। देश की 1.4 मिलियन महिलाओं को अब देश की आर्थिक भागेदारी में हिस्सा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को खा कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक लैंगिक न्याय का मुद्दा उठाया है। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2023 पर दुनिया को महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को देखने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा की दुनियांभर में करीब तीन मिलियन महिलाएं हैं, जो पंचायत स्तर पर चुनाव लड़ती हैं, प्रशासनिक काम करतीं हैं। ग्लोबल इंडेक्स बनाते हुए अब तक उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा था। पंचायत में जो महिला चुनाव लड़ती है, उनका भी महत्व है। केंद्रीय मंत्री ने कहा की यहां तक की राज्यमंत्री और महिला विधायकों को भी इसमें अब तक शामिल नहीं किया जाता था।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने इसे स्वीकार कर लिया है। भारत को उन्होंने लिखित में दिया है। ये बड़ी उपलब्धि है। स्मृति ने कहा कि देश में लैंगिक आधार कृत्रिम आर्थिक गैप बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
निवेशकों को कहा जा रहा है कि हमारा देश वूमेनफ्रेंडली नहीं है। देश में महिलाएं मार्स तक पहुंच गई हैं, हर क्षेत्र में काम कर रहीं हैं चाहे निर्माण का काम हो या कोविड फार्ंटलाइन हो। आर्थिक, स्वास्थ्य, राजनीतक, शिक्षा के आधार पर महिलाएं देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देती हैं। फ्रांस में 40 प्रतिशत महिलाएं है और चीन में 28 प्रतिशत महिलाएं है। जो पंचायत स्तर पर प्रशासन से जुड़ी हैं।
उन्होंने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) पर कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना - सरकार की एक प्रमुख योजना जिसके तहत गैर-कृषि व्यवसायों को 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है - 320 मिलियन से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह इस बात का प्रमाण था कि व्यवसाय की योजना कितनी भी छोटी क्यों न हो, भारतीय महिलाओं में व्यवसाय योजना बनाने और योजना का लाभ लेने की क्षमता थी।
ईरानी ने कहा, बैंक और वित्तीय संस्थान आपको बिजनेस लोन तभी देते हैं, जब वे बिजनेस प्लान देखते हैं और महिलाएं बिना गिरवी रखे इन लोन को लेने के लिए जाती हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों ने आसानी से इन महिलाओं को कर्ज दे दिया, उन्होंने कहा कि नॉन परफॉमिर्ंग एसेट्स (एनपीए) कुल वितरित राशि का सिर्फ 1 प्रतिशत है।
भारत में सार्वजनिक-निजी सहयोग के अनुभवों और सफलताओं से आकर्षित होकर महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और मानव विकास के लिए एक नए एजेंडे को आकार देने में मदद की।
--आईएएनएस
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