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सातवें दौर की बोली में ओएनजीसी, ओआईएल और गेल इंडिया ज्यादातर लाइसेंस हासिल करने में रही सफल
दिल्ली: देश में तेल एवं गैस भंडारों के उत्खनन एवं उत्पादन के लिए घोषित सातवें दौर की बोली में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी, ओआईएल और गेल इंडिया ज्यादातर लाइसेंस हासिल करने में सफल रही हैं। इसके साथ ही सरकार ने आठवें दौर की लाइसेंस प्रक्रिया भी शुरू करने की घोषणा करते हुए 10 तेल-गैस क्षेत्रों की पेशकश की है जिससे 60-70 करोड़ डॉलर का निवेश आने का अनुमान है।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने मुक्त क्षेत्र लाइसेंस कार्यक्रम (ओएएलपी) के तहत लगाई गई सातवें दौर की बोलियों के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने कुल 8 में से 3 ब्लॉक हासिल किए हैं जबकि ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के हिस्से में 2 ब्लॉक आए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की ही कंपनी गेल को राजस्थान में एक ब्लॉक मिला है। बाकी दो ब्लॉक निजी क्षेत्र की कंपनी सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड को मिले हैं। ओएएलपी के तहत तेल एवं गैस के आठ ब्लॉक के लिए बोलियां मंगाई गई थीं। यह सातवें दौर की बोली थी। इसके साथ ही अब तक कुल 134 उत्खनन एवं उत्पादन ब्लॉक आवंटित किए जा चुके हैं। ये ब्लॉक 19 बेसिन में 2.07 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। इस बीच पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आठवें दौर की बोलियां भी आमंत्रित कर ली हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आठवें दौर की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पद्र्धी निविदा में 10 ब्लॉक की पेशकश की जा रही है। इनके लिए छह सितंबर तक बोलियां लगाई जा सकती हैं।
मंत्रालय ने कहा, 'आठवें दौर के ब्लॉक का सफल आवंटन होने के बाद तेल-गैस उत्खनन एवं उत्पादन के क्षेत्र में 36,316 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हो जाएगी। वहीं ओएएलपी व्यवस्था के तहत आने वाले क्षेत्र का आकार बढ़कर 2.44 लाख वर्ग किलोमीटर हो जाएगा।' सरकार ने देश में तेल एवं गैस के नए क्षेत्रों के उत्खनन एवं उत्पादन के लिए मार्च 2016 में नई नीति जारी की थी। हाइड्रोकार्बन उत्खनन एवं लाइसेंस नीति (एचईएलपी) के तहत सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को उस ब्लॉक में तेल एवं गैस के उत्खनन एवं उत्पादन का लाइसेंस दिया जाता है। आठवें दौर में जिन 10 ब्लॉक की पेशकश की गई है वे नौ बेसिन में फैले हुए हैं। इनमें से दो ब्लॉक जमीनी इलाकों में हैं जबकि चार ब्लॉक उथले पानी वाले इलाके में हैं। वहीं दो ब्लॉक गहरे पानी में हैं और दो ब्लॉक बेहद गहरे समुद्री क्षेत्र में हैं।