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15 नवंबर को देश में बिरसा मुंडा की जयंती अब 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप मनाएंगी, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

Deepa Sahu
10 Nov 2021 11:19 AM GMT
15 नवंबर को देश में बिरसा मुंडा की जयंती अब जनजातीय गौरव दिवस के रूप मनाएंगी, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
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देश में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जाएगी।

नई दिल्ली, देश में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इसको मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 'आदिवासी लोगों की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए 15 से 22 नवंबर तक सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की योजना बनाई गई।

मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने 19वीं शताबदी में आदिवासी बेल्ट में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन झारखंड स्थापना दिवस भी है। झारखंड साल 2000 में बिहार से अलग हुआ था।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 24 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम में देश के प्रति बिरसा मुंडा के योगदान को याद किया था। उन्होंने कहा कि 'भगवान बिरसा मुंडा' ने प्रकृति, जंगलों और जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती 15 नवंबर को पड़ती है। उनको 'धरती आबा' के नाम से भी जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ है पृथ्वी के पिता।'
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, 'बिरसा मुंडा ने अपनी प्रकृति, जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। मैं बिरसा मुंडा को नमन करता हूं। मुंडा जी के बहुमूल्य योगदान ने मुझे प्रकृति और पर्यावरण से प्यार करने में मदद की है। मुंडा जी कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय के योगदान के बारे में जितना अधिक जानेंगे, उतना ही इस पर गर्व महसूस करेंगे।'
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