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ग्रेटर नोएडा शहर का ओमीक्रोन सैक्टर बना झाड़ियों का जंजाल

Admin Delhi 1
19 May 2023 3:13 PM GMT
ग्रेटर नोएडा शहर का ओमीक्रोन सैक्टर बना झाड़ियों का जंजाल
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ग्रेटर नॉएडा: ग्रेटर नोएडा शहर पूरी तरह से समस्याओं का शहर बनता जा रहा है ।सबसे ज़्यादा ख़राब हाल ग्रेटर नोएडा शहर के ओमीक्रोन 3 सैक्टर का है। सेक्टर ओमीक्रोन 3 में चार दिवारी टूटी हुई है, और सेक्टर के अंदर खाली पड़ी जगहों पर झाड़ियाँ उगी हुई है। काफी शिकायत करने के बाद भी इन समस्याओं पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। जिसकी वजह से समस्याओं का सामना निवासियों को करना पड़ रहा है।

चारदीवारी न होने के कारण बढ़ रही चोरी की घटनाएं

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रोन 3 में खाली पड़े पार्क में झाड़ियों के साथ-साथ 10 और 12 फुट के गड्ढे हुए पड़े हैं। जिनसे बड़ी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है। झाड़ियों में आए दिन सांप और अन्य जंगली जानवर निकलते रहते हैं। जिसकी वजह से निवासियों का बाहर निकलना दुश्वार हो रहा है। वही सेक्टर की चारदीवारी ना होने के कारण चोरी की घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है।

पानी की कमी का सामना कर रहे निवासी

सेक्टर के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष चेतन भाटी ने बताया कि सेक्टर में चार दिवारी नहीं है जिसकी वजह से चोरों का खतरा बना रहता है। कई बार सेक्टर में चोरियां भी हो चुकी हैं। वहीं सेक्टर में निवासियों को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पानी का प्रेशर कम होने के कारण पानी घरों में ऊपर नहीं चढ पा रहा है। जिससे पानी की समस्या का सामना निवासियों को करना पड़ रहा है।

पार्क में नहीं लग रही लाइट

निवासियों ने बताया कि सेक्टर के पार्क में बच्चे और बुजुर्ग टहलने के लिए जाते हैं। लेकिन पार्क में लाइट नहीं लगी हुई है, जिससे अंधेरे होने के कारण खतरा बना रहता है। वही प्राधिकरण द्वारा सामुदायिक केंद्र के लिए जमीन तो दी गई है लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद आज तक समुदायिक केंद्र नहीं बन पाया है।

मकान छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे निवासी

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा खाली पड़े प्लॉटों के मालिकों से पेनल्टी ली जाती है, लेकिन उसके बावजूद भी इन प्लॉटों की साफ सफाई नहीं की जाती है। जिससे खाली पड़ी जगहों में बड़ी-बड़ी भांग और झाड़ियां खड़ी है। जिसमें जंगली जानवर और सांप जैसे किडे रोजाना निकलते रहते हैं। निवासियों का घर से बाहर निकलना दुश्वार होता जा रहा है। कई निवासी तो अपना मकान छोड़कर बाहर चले गए।

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