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ओमैक्स बिल्डर पर लगा ठगी का आरोप, मालिक समेत 9 के खिलाफ एफआईआर

ग्रेटर नॉएडा: शहर के एक युवक को अवैध रूप से निर्मित दुकान बेचने के आरोपी ओमेक्स बिल्डर का मालिक अब कानून के शिकंजे में फंस गया है। पहले तो पुलिस ने उसकी रक्षा की, लेकिन अदालत के आदेश पर आखिर मुकदमा दर्ज करना पड़ा। आरोप है कि बिल्डर ने एक युवक को जो दुकान बेची, उसका ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से नक्शा ही पास नहीं था।
अदालत के आदेश पर दर्ज हुई ठगी की रिपोर्ट: जानकारी के मुताबिक सूरजपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले दीपक कुमार ने साल 2018 में सेक्टर बीटा-दो में निर्मित ओमेक्स कनॉट प्लेस में एक दुकान की बुकिंग की। पंजीकरण राशि के तौर पर दीपक ने बिल्डर के कर्मचारियों को 2.5 लाख रुपये का चेक दिया। बुकिंग के समय बिल्डर की ओर से वादा किया गया था कि एक साल के भीतर उसे दुकान पर कब्जा मिल जाएगा। दुकान पर कब्जा देने से पहले बिल्डर के कहने पर 21 लाख 83 हजार 843 रुपये का चेक दे दिया। इसके अलावा दुकान की सजावट का काम करने में एक लाख 94 हजार 493 रुपये और खर्च कर दिए। कुल मिलाकर दीपक ने दुकान के लिए 26 लाख 28 हजार 335 रुपये दे दिए थे।
खुद के छानबीन से हुआ धोखाधड़ी का खुलासा: पीड़ित दीपक ने बताया कि इसके बावजूद जब काफी दिनों तक उसे दुकान पर कब्जा नहीं मिला तो उसने अपने स्तर से छानबीन शुरू की। छानबीन के दौरान पता चला कि दुकान पूरी तरीके से अवैध है। उसका नक्शा भी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने पास नहीं किया है। उसके बाद जब उसने ओमेक्स बिल्डर के साथियों से बात की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। तब उसे अपने साथ धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ।
साल 2019 से पीड़ित लगा रहा था न्याय की गुहार: दीपक ने बताया कि धोखाधड़ी की बात पुख्ता होने पर उसने 16 नवंबर 2022 को उसने बीटा-2 कोतवाली में बिल्डर के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। आखिर, उसने अदालत से न्याय की गुहार लगाई। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने ओमेक्स कनॉट प्लेस के चेयरमैन रोहतास गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित गोयल, डायरेक्टर जतिन गोयल, डायरेक्टर विनीत गोयल, डायरेक्टर गुरुनाम सिंह, निशाल जैन, प्रदीप त्यागी, मनीष गर्ग और संजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों पर खिलाफ धारा संख्या 420, 406, 467, 468 और 471 लगाई है।