दिल्ली-एनसीआर

1 सितंबर से दिल्ली में शराब पर मिलने वाले ऑफर खत्म, कम कीमत पर बेची तो लाइसेंस होगा रद्द

Renuka Sahu
6 Aug 2022 1:49 AM GMT
Offer on liquor ends in Delhi from September 1, license will be canceled if sold at a lower price
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फाइल फोटो 

दिल्ली में एक सितंबर के बाद शराब की बिक्री पर किसी तरह की छूट या ऑफर नहीं मिलेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में एक सितंबर के बाद शराब की बिक्री पर किसी तरह की छूट या ऑफर नहीं मिलेगा। सभी दुकानों पर शराब की बिक्री निर्धारित कीमतों पर ही की जाएगी। आबकारी विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई भी दुकानदार निर्धारित मूल्य से कम या ज्यादा पर शराब बेचता पाया जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

शराब की दुकानों का अधिकार खत्म
अभी तक वित्तीय वर्ष 2021-22 की नई नीति के तहत शराब की बिक्री पर दुकानदारों को निर्धारित कीमतों पर छूट देने और बिक्री बढ़ाने के लिए ऑफर देने का भी अधिकार था लेकिन पुरानी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें खोले जाने पर यह व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
दुकान के अंदर खड़े होकर कर सकेंगे खरीदारी
शराब की दुकानों के अंदर लोग खड़े होकर आराम से शराब खरीद सकें, इसके लिए राजधानी के अंदर 20 नई प्रीमियम दुकानें खोली जाएगीं। इसमें एयरकंडीशन, बैठने की सुविधा से लेकर अपने पसंद की शराब को चुनने का भी विकल्प होगा।
सरकार ने नई पॉलिसी में भी इस तरह की व्यवस्था की थी, जिसमें एक सितंबर के बाद लागू होने वाली पुरानी नीति में भी जारी रखने का फैसला लिया है। पहले चरण में एक सितंबर से आठ दुकानें खोली जाएगी और उसके बाद 31 दिसंबर तक 12 अन्य दुकानों को खोला जाएगा।
विभागों को दिया पांच प्रीमियम दुकानें खोलने का लक्ष्य
ध्यान रहे कि सरकार की तरफ से चार विभाग अब शराब की बिक्री करेंगे, जिसमें डीटीटीडीसी, डीएसआईआई डीसी, डीसीसीडब्ल्यूएस, डीएससीएससी शामिल हैं। सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि वो पांच-पांच दुकानें प्रीमियम श्रेणी की खोलेंगे। पहले चरण में दो -दो दुकान खोलनी होंगी।
पुरानी पॉलिसी के तहत 21 दिन का होगा ड्राई-डे
नई नीति के तहत सरकार ने दिल्ली में ड्राई-डे की संख्या को कम कर दिया था लेकिन अब पुरानी नीति के लौटने के बाद राजधानी में ड्राई-डे की संख्या फिर से पुरानी नीति के तहत 21 हो जाएगी।
ड्राई-डे के मौके पर शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती है, जिससे 17 नवंबर 2021 से लागू हुई नई नीति के अंदर घटाकर कम कर दिया था।
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