दिल्ली-एनसीआर

अब बिना थाने गए चोरी होने पर ऑनलाइन करा सकेंगे केस दर्ज, दिल्ली पुलिस ने e-FIR ऐप किया लॉन्च

Renuka Sahu
27 Jan 2022 3:02 AM GMT
अब बिना थाने गए चोरी होने पर ऑनलाइन करा सकेंगे केस दर्ज, दिल्ली पुलिस ने e-FIR ऐप किया लॉन्च
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फाइल फोटो 

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को को एक ई-एफआईआर ऐप लॉन्च किया। इस ऐप के जरिए लोग चोरी जैसी घटनाओं के बारे में तुरंत ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को को एक ई-एफआईआर ऐप लॉन्च किया। इस ऐप के जरिए लोग चोरी जैसी घटनाओं के बारे में तुरंत ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इस ऐप को बुधवार को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने लॉन्च किया। मालूम हो की अभी साधारण चोरी, गाड़ियों की चोरी और गैर-संज्ञेय रिपोर्ट के मामले में ई-एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा है, जिसे दिल्ली के पूर्व पुलिस कश्मिनर बी एस बस्सी ने 2015 में शुरू किया था।

पुलिस कश्मिनर राकेश अस्थाना ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा, 'दिल्ली पुलिस ने मौजूदा सिस्टम में पूरी तरह बदलाव के वेब एप्लिकेशन की सीरीज डेवलप की है, ताकि शिकायतकर्ता ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ तुरंत उसकी एक कॉपी पुलिस स्टेशन जाए बिना प्राप्त कर सकें। 26 जनवरी से घर की चोरी और सेंधमारी से संबंधित रिपोर्ट के लिए ई-एफआईआर एप्लीकेशन सिस्टम सक्रिय किया जा रहा है। इससे लोगों को शिकायत दर्ज कराने में काफी आसानी होगी और जांच की कार्रवाई में भी तेजी आएगी।'
उन्होंने आगे कहा कि इससे राजधानी में चोरी की गई संपत्ति के लिए तत्काल ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने से अधिकारियों को जांच में तेजी लाने में मदद मिलेगी। और पुलिस स्टेशनों और अदालतों में लंबित मामलों को कम करने के लिए समय पर निपटाने में सुविधा भी होगी। बता दें कि ऑनलाइन एफआईआर आवेदन पर पिछले कई महीनों से काम चल रहा है और संबंधित विभागों से तकनीकी-कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई है।
पुलिस कश्मिनर राकेश ने यह भी कहा कि लोग तीन शर्तों पर ई-एफआईआर दर्ज कर सकते हैं, जिसमें क्राइम दिल्ली के एनसीटी के अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए। आरोपी को शिकायतकर्ता का पता नहीं होना चाहिए या रंगेहाथ पकड़ा जाना चाहिए और कोई भी घायल नहीं होना चाहिए या इस घटना में कोई भी घायल या मेडिको लीगल केस (एमएलसी) नहीं होना चाहिए। अस्थाना ने संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाने के जांच अधिकारियों के कर्तव्यों के बारे में भी बताया और सभी जांच अधिकारियों (आईओ) को 24 घंटे के भीतर शिकायतकर्ता से संपर्क करने, उचित जांच करने, वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने और शिकायतकर्ता को मामलों की प्रगति के साथ समय-समय पर अपडेट करने का निर्देश दिया।
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