दिल्ली-एनसीआर

अब महंगा हो जाएगा दिल्ली में घर खरीदना, संपत्ति ट्रांसफर शुल्क में एक प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव

Renuka Sahu
1 Jun 2022 3:58 AM GMT
Now buying a house in Delhi will become expensive, one percent increase in property transfer fee proposed
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फाइल फोटो 

दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। अगले चरण में दिल्ली सरकार से इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद ही शुल्क वृद्धि प्रभावी हो जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। अगले चरण में दिल्ली सरकार से इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद ही शुल्क वृद्धि प्रभावी हो जाएगी। शुल्क बढ़ोतरी केवल 25 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति की खरीद पर ही लागू होगी।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। देश की राजधानी दिल्ली में अब संपत्ति खरीदना महंगा हो जाएगा। इसकी वजह एमसीडी द्वारा संपत्ति के पंजीकरण पर लगने वाले ट्रांसफर शुल्क में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला लेना है। हालांकि, यह बढ़ोतरी केवल 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति की खरीद पर ही प्रभावी होगी।
बताया जा रहा है कि एक प्रतिशत संपत्ति ट्रांसफर शुल्क के बाद दिल्ली नगर निगम के राजस्व में सालाना एक हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। इससे जाहिर है कि निगम को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी। स्वीकृति के लिए इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा। उससे अनुमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
एमसीडी के अस्तित्व में आने के बाद मंगलवार को विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार की अध्यक्षता में पहली एजेंडा बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बैठक में करीब 15 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। वर्तमान में दिल्ली सरकार स्टांप शुल्क के तौर पर पुरुषों से छह प्रतिशत, जबकि महिलाओं से चार प्रतिशत शुल्क लेती है। इसमें एमसीडी की हिस्सेदारी पुरुषों के लिए तीन प्रतिशत, जबकि महिलाओं के लिए दो प्रतिशत है। शुल्क में बढ़ोतरी के निर्णय के बाद यह शुल्क पुरुषों के लिए चार प्रतिशत और महिलाओं के लिए तीन प्रतिशत हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूर किया था, लेकिन दिल्ली सरकार की मंजूरी न मिलने से लागू नहीं हो पाया था। उत्तरी निगम ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जबकि पूर्वी निगम में यह प्रस्ताव पारित ही नहीं हुआ था। तीनों निगमों के एक हो जाने पर एमसीडी ने शुल्क में एकरूपता लाने के लिए इस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सभी विभागों को राजस्व के स्नोत बढ़ाने के निर्देश
एमसीडी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, क्योंकि 7,200 करोड़ के राजस्व वाले निगम का वार्षिक खर्च नौ हजार करोड़ है। विकास कार्य तो बाधित हैं ही, कर्मियों को वेतन देने में दिक्कत हो रही है। इसे देखते हुए निगम ने सभी विभागों को राजस्व में बढ़ोतरी की योजना तैयार करने को कहा है।
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