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देश टुकड़े टुकड़े करने के लिए नहीं, हम इतिहास लिखने वाले नहीं बल्कि इतिहास बनाने वाले हैं: दत्तात्रेय
दिल्ली न्यूज़: छात्र आन्दोलन का इतिहास लिखने वालों ने विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन एबीवीपी के साथ न्याय नहीं किया है। हम इतिहास लिखने वाले नहीं बल्कि इतिहास बनाने वाले है। स्थापित सत्ता के विरुद्ध आवाज़ उठाना युवा करता है, परंतु ये देश टुकड़े टुकड़े करने के लिए नहीं है। समाज के प्रति विद्यार्थी के क्या कर्तव्य हैं, ऐसे आंदोलन को खड़ा करने का काम विद्यार्थी परिषद ने किया। यह बात शुक्रवार को अंबेडकर इंटरनेशनल भवन में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सात दशकों की यात्रा को दर्शाती पुस्तक ध्येय यात्रा के विमोचन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहीं।
विद्यार्थी परिषद ठहरा हुआ इतिहास नहीं,लगातार परिषद के आयाग बढ़ रहे हैं :सुनील आम्बेकर
दत्तात्रेय होसबाले ने पुस्तक विमोचन के अवसर पर कहा कि ध्येय यात्रा का प्रकाशन कोई आत्म-स्तुति के लिए नहीं किया गया है। बल्कि इसके पीछे यह उद्देश्य है कि आगामी कार्यकर्ताओं को कार्य की प्रेरणा और आधार मिल सके। छात्र संगठन का जो विशिष्ट दर्शन जो एबीवीपी ने विकसित किया है, उससे लोग परिचित हो सकें, और उसे समझ सकें। अखिल भारतीय प्रचार,प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुनील आम्बेकर ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ठहरा हुआ इतिहास नहीं है, लगातार परिषद के आयाम बढ़ रहे हैं। नए नए समाज जीवन के विषयों पर आंदोलन जारी है. जो यह विद्यार्थी परिषद की यात्रा के साथ एक ध्येय जुड़ा है, हम सब उसके यात्री बन गए हैं। इस सतत प्रवाह का रूपांतरण करने का प्रयास पुस्तक में किया गया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि, विद्यार्थी परिषद बोलने का नहीं अपितू सीखने का मंच है। हम भारतीय छात्र आज विश्व के श्रेष्ठ स्थानों पर हैं परंतु हमारी कमजोरी यह है कि हम भावुक हो जाते हैं। जब आत्मनिर्भरता की भावना सभी जगह पहुंच जाएगी तब सारी समस्याएं समाप्त होंगी।
75 वर्षों के इतिहास को संकलित करने वाली पुस्तक है ध्येय-यात्रा
एबीवीपी राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा , ध्येय-यात्रा 75 वर्षों के इतिहास को संकलित करने वाली पुस्तक है। 11 सितंबर की कश्मीर रैली, 1980 में शिक्षा के भारतीयकरण के लिए आंदोलन का ही नतीजा है कि आज 370 जैसी समस्याएं समाप्त हो चुकी हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्यवन आरम्भ हो चुका है। गुजरात मे बाढ़, ओडिशा एवं महाराष्ट्र में सूखे के दौरान किये गए सेवा कार्य से प्रेरणा लेकर, अभाविप के कार्यकर्ताओं ने अद्वीतीय सेवा कार्य किया। विभिन्न आयामों के विकास एवं 1 करोड़ सदस्यता के लक्ष्य के साथ, यह यात्रा अनवरत आगे बढ़ती रहेगी। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अन्य अतिथियों के रूप में समाज के बहुत से प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। सामाजिक क्षेत्र के बड़े नाम, विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति, वरिष्ठ पत्रकार, बहुत से देशों के राजदूत, अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, माहमंत्री के साथ विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में अपने कार्य से ऊंचाई हासिल किए सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।