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नॉर्थ दिल्ली नगर निगम: राजधानी में मजबूत और आर्थिक संपन्नता के लिए भ्रष्टाचारमुक्त निगम की मांग
दिल्ली न्यूज़: एक तरफ जहां नगर निगम को अधिकार एवं आर्थिक रूप मजबूत करने के उद्देश्य से भाजपा शासित केंद्र की सरकार तीनों निगमों को एक करने की कवायद में जुटी है। कई रेजीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की मांग है कि एककृत निगम तभी मजबूती से कार्य करेगा जब इसके कार्यों में पारदर्शिता आएगी और निगम की छवि बदलेगी। दरअसल निगमों को भ्रष्टाचार मुक्त किए जाने के दावे तो किए जाते रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें निगम की छवि उसके ही अधिकारी व कर्मचारी बिगाडऩे का काम किया है। इस कारण निगमों की आर्थिक हालत दिन पर दिन खस्ताहाल होती जा रही है।
हाल ही में चाबी गंज कश्मीरी गेट इलाके में एक निमार्णधीन भवन गिरने के मामले में कई लोग घायल हुए, लेकिन निगम की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई करना तो दूर जांच तक नहीं की गई। निगम ने कहा कि भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। बिल्डिंग गिरने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और ऐसी घटनाओं में निगम द्वारा संबंधित लोगों पर कार्रवाई भी की जाती रही है, लेकिन अब निगम अधिकारियों का इसमें अब सीधे शामिल न होने की वजह से वे बच निकलते हैं। विभाग के अधिकारी निजी आदमी रखकर अनिमितता करते हैं। शहरी-सदर पहाडग़ंज जोन के चाबी गंज मामले में भी इसी तरह से अनियमितता बरती गई थी, लेकिन किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नौकरशाही हावी है। कई आरडब्ल्यूए का कहना है कि निगम में सांठ-गांठ कर सम्पत्ति मालिक नियमों की अनदेखी कर आनन फानन में बिल्डिंग बनाने में जुट जाते है और लापरवाही के चलते बिल्डिंग गिरने जैसी घटनाएं होती है। एक निगम में मेयर इन काउंसिल बनने के बाद इस तरह की अनियमितता पर पांबदी लगेगी।