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नोएडा की वायरल ऑडियो ने उजागर किया पुलिस का दोहरा चरित्र, दरोगा को बचाने का प्रयास

Admin Delhi 1
18 March 2023 7:32 AM GMT
नोएडा की वायरल ऑडियो ने उजागर किया पुलिस का दोहरा चरित्र, दरोगा को बचाने का प्रयास
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नॉएडा: गौतमबुद्ध नगर की बिसरख कोतवाली के दरोगा व बिसरख सीएचसी के फार्मासिस्ट की कथित ऑडियो तेजी के साथ वायरल हो रही है। इस वायरल ऑडियो ने जिले में लगातार हो रही पुलिस मुठभेड़ों की सच्चाई की पोल खोलकर रख दी है। ऑडियो को सच माने तो मुठभेड़ों को लेकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का बड़ा गठजोड़ सामने आया है। हालांकि मामले में ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर की गई एफआईआर ने पुलिस का दोहरा चरित्र भी उजागकर कर दिया है। पुलिस ने कथित वायरल ऑडियो में बारगैनिंग करते सुनाई पड़ रहे सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार को बचाते हुए सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट संजीव शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर एकतरफा कार्यवाही की है।

क्या है मामला

आपको बता दें कि हाल ही में नोएडा में एक ऑडियो सामने आया है। जिसमें पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी की मेडिकल जांच रिपोर्ट को लेकर बातचीत करते सुनाई पड़ रहे हैं। यह कथित ऑडियो बिसरख कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार व सीएचसी बिसरख पर तैनात फार्मासिस्ट संजीव शर्मा के बीच हुए वार्तालाप का बताया जा रहा है। जिसमें फार्मासिस्ट संजीव शर्मा सब इंस्पेक्टर से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लाए गए आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट में ब्लैकमोल नहीं दर्शाने के लिए डॉक्टरों के नाम पर 25 हजार रूपए की मांग करता सुनाई पड़ रहा है। ब्लैकमोल दर्शाते ही पुलिस की मुठभेड़ की कहानी झूठी साबित हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार 10 हजार रूपए देने की बात कर रहे हैं।

क्या होता है ब्लैकमोल

चिकित्सकों के अनुसार गोली लगने के बाद यदि गोली लगने के स्थान के चारों ओर काले रंग का धुंआ व बारूद जम जाए तो उसे ब्लैक मोल कहते हैं। जोकि अक्सर नजदीक से गोली मारे जाने की स्थिति में बनता है। लेकिन जब दूर से गोली लगती है तो यह निशान नहीं बनता है। ऐसे में नजदीक से गोली मारे जाने की स्थिति को कानूनी रूप से ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में अदालत में एनकाउंटर फ़र्ज़ी साबित हो जाता है।

पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के गठजोड़ का बडा खुलासा

ऑडियों में दोनों पक्षों के बीच कुछ पुरानी पुलिस मुठभेड़ों की मेडिकल रिपोर्ट में भी पैसे लेकर परिवर्तन किए जाने का जिक्र हो रहा है। ऐसे में ऑडियो को सच मान लिया जाए तो फर्जी मुठभेड़ों के पीछे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का बड़ा गठजोड़ काम कर रहा है। ऐसे में जिले में बीते दिनों हुई तमाम अन्य पुलिस मुठभेड़ भी सवालों के घेरों में आ खड़ी हुई हैं।

आखिर क्यों की जा रही है है एकतरफा कार्यवाही ?

बता दें कि कथित ऑडियो के वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद बिसरख कोतवाली पुलिस ने कथित वायरल ऑडियो का संज्ञान लेते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसरख पर तैनात फार्मासिस्ट संजीव शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन एफआईआर में पुलिस ने सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार को आरोपी नहीं बनाया है। जबकि ऑडियो में वो भी 10 हजार रुपए देने की पेशकस करते सुनाई पड़ रहे हैं। ऐसे में कानून के जानकारों की माने तो पुलिस को अपने सब इंस्पेक्टर को भी आरोपी बनाना चाहिए था। बहरहाल पुलिस मामले में खानापूर्ति करते हुए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के गठजोड़ को कायम रखने के प्रयास में लगी हुई है। वैसे तो पहले से ही पुलिस मुठभेड़ों को फर्जी कहा जाता रहा है। लेकिन इस ऑडियो के सामने आने के बाद से तो यह साफ हो गया है कि बीते लंबे समय से हो रहीं अधिकांश पुलिस मुठभेड़ वाकई फर्जी हैं। यहाँ यह तथ्य भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह तो चाहती थी कि इस मामले में सख़्त कार्रवाई हो किन्तु नीचे के पुलिस अधिकारियों ने मात्र फार्मासिस्ट के विरुद्ध एफ़आइआर दर्ज कराके मामले को रफ़ा दफ़ा करने का बड़ा “खेला “ कर डाला है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है।

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