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Noida: आर्थिक अपराध शाखा बकाया नहीं देने वाले बिल्डरों की जांच करेगी

Admindelhi1
21 Sep 2024 6:25 AM GMT
Noida: आर्थिक अपराध शाखा बकाया नहीं देने वाले बिल्डरों की जांच करेगी
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भूखंड आवंटन निरस्त करने और सीलिंग की कार्रवाई करेगा

नोएडा: नॉएडा प्राधिकरण बकाया नहीं दे रहे बिल्डरों की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा से कराएगा. इसके अलावा अपने स्तर से भूखंड आवंटन निरस्त करने और सीलिंग की कार्रवाई करेगा. इसको लेकर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों को चेतावनी जारी कर दी. ऐसे में 28 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के बिल्डर हैं, जिन्होंने कोई पैसा जमा नहीं किया या फिर काफी कम धनराशि जमा की है. ये बिल्डर कार्रवाई के दायरे में आएंगे.

नोएडा में 15 परियोजनाओं के बिल्डर ने कोई बकाया जमा नहीं किया है, जबकि 13 ने आंशिक धनराशि जमा की है. बिल्डरों पर कार्रवाई को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने ग्रुप हाउसिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में प्राधिकरण का बकाया वसूलने और अधिक से अधिक फ्लैट की रजिस्ट्री कराने पर चर्चा की गई.

सीईओ ने बताया कि फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए अमिताभकांत समिति की सिफारिशों से संबंधित शासनादेश 21 दिसंबर 2023 को जारी कर दिया गया था. इसके तहत एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक कोविड काल के दौरान का जीरो पीरियड का फायदा बिल्डरों को दिया गया. इससे उनका बकाया कम हो गया. शासनादेश के क्रम में ग्रुप हाउसिंग की 56 परियोजना को पहले चरण में लिया गया. इन 56 में से 22 परियोजना के बिल्डरों ने कुल बकाये में 25 प्रतिशत धनराशि 275 करोड़ 22 लाख रुपये जमा कर दिए हैं. इनके अलावा छह परियोजनाओं पर बकाया शून्य हो गया. ऐसे में इन 28 परियोजनाओं में कुल 2558 फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति प्राधिकरण ने दी.

सीईओ ने बताया कि 2558 में से अभी तक 1298 फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है, जबकि 1260 की रजिस्ट्री होनी है. जब तक संबंधित परियोजनाओं के बिल्डर सभी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं कराते हैं, तब तक उन्हें शासनादेश के क्रम में एनजीटी के आदेशों के तहत अलग से कोई लाभ नहीं दिया जाएगा.

सीईओ ने बताया कि हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं कराने वाले बिल्डरों के खिलाफ भूखंड आवंटन निरस्त करने और सीलिंग की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी. इसके अलावा बिल्डरों से बकाया वसूलने के लिए इन मामलों को आर्थिक अपराध शाखा को भेजा जाएगा. दो-तीन दिन में संबंधित परियोजनाओं के बिल्डरों से संबंधित पत्र अपराध शाखा को भेज दिए जाएंगे.

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