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Noida Authority ने जमीन के फर्जीवाड़े पर रोक के लिए ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम प्रक्रिया बदली
नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने शहर में जमीन के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सबसे बड़ा बदलाव ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम (TM) प्रक्रिया में किया जा रहा है। अब प्राधिकरण से आवंटित संपत्तियों के ट्रांसफर को फुलप्रूफ बनाने की दिशा में कई अहम बदलाव किए जाएंगे।
अब तक नोएडा प्राधिकरण में पुरानी टीएम प्रक्रिया लागू थी, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति या कंपनी को आवंटित भूखंड को बेचने के लिए ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम (TM) की प्रक्रिया अपनाई जाती थी। इसमें आवंटित जमीन के मालिक को प्राधिकरण में आवेदन देना होता था, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा जांच के बाद टीएम जारी कर दिया जाता था। लेकिन इस प्रक्रिया में बड़ी खामियां थीं, जिनका फायदा उठाकर कई जालसाजों ने जमीनों का फर्जीवाड़ा किया।
कुछ मामलों में तो मृत लोगों की संपत्तियां भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेची जा चुकी हैं। इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने टीएम प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला लिया है।
अब टीएम जारी करने से पहले यह जांच की जाएगी कि प्रॉपर्टी आवंटन के समय आवंटी का फोन नंबर सही है या नहीं।
फोन नंबर और ओटीपी वेरिफिकेशन: प्राधिकरण आवंटन के समय दर्ज किए गए मोबाइल नंबर पर फोन कॉल और ओटीपी भेजकर असली आवंटी की पहचान करेगा।
SMS से सत्यापन: एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिसके जरिए हर प्रॉपर्टी आवंटी के पास SMS भेजा जाएगा। इस SMS के जरिए टीएम के लिए आई अर्जी की पुष्टि की जाएगी।
कागजात की दोबारा जांच: प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि आवंटी के दस्तावेज वास्तविक हैं और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा फर्जीवाड़ा नहीं किया जा रहा है।
ऑनलाइन प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा ताकि किसी भी स्तर पर जालसाजी संभव न हो।
हाल ही में नोएडा में जमीन के फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया, जिसमें एक रिटायर्ड अधिकारी की करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी फर्जी टीएम के जरिए बेच दी गई। जालसाजों ने आठ साल पहले मर चुके व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड बनवाया और फिर एक ब्रोकर के जरिए संपत्ति बेच दी।
यह मामला सेक्टर-40, डी ब्लॉक के 450 वर्ग मीटर के प्लॉट का था, जिसे करीब 6.50 करोड़ रुपये में बेचा गया। फर्जीवाड़े की जानकारी मृतक अधिकारी की बेटी को मिली, जिसने सेक्टर-39 थाना पुलिस और प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी सामने आया कि जालसाजों ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए बैंक में फर्जी हस्ताक्षर का सत्यापन भी करवाया था।
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टीएम कैसे जारी हो गया। केवल प्राधिकरण में ही नहीं, बल्कि बैंक स्तर पर भी जालसाजी हुई, जहां जालसाजों ने आवंटी के फर्जी हस्ताक्षर का सत्यापन कराया। प्राधिकरण के आवासीय भूखंड विभाग के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
नोएडा प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि जमीनों के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए टीएम प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाया जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद जालसाजों के लिए फर्जी टीएम जारी करवाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
नोएडा में लगातार सामने आ रहे जमीन घोटाले को देखते हुए प्राधिकरण अब हर संभव कदम उठा रहा है ताकि आम जनता और असली प्रॉपर्टी मालिकों के हित सुरक्षित रह सकें।