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Vande Bharat-तेजस से जुड़ेगा नोएडा एयरपोर्ट

Jyoti Nirmalkar
25 July 2024 7:42 AM GMT
Vande Bharat-तेजस से जुड़ेगा नोएडा एयरपोर्ट
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दिल्ली DELHI :नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली हावड़ा और दिल्ली मुबंई रेलमार्ग से जोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है। हरियाणा में पलवल के पास रुंधी स्टेशन से वाया एयरपोर्ट बुलंदशहर चोला स्टेशन तक 61 किलोमीटर का ट्रैक बिछेगा। Airport Ground Transportation Center एयरपोर्ट ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) तक भूमिगत कनेक्टिविटी होगी। एयरपोर्ट के लिए ट्रैक पर वंदेभारत और तेजस जैसी हाईटेक ट्रेन चलाने की तैयारी हो रही है। रेल मंत्रालय ने इसकी संशोधित डीपीआर पर काम शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एयरपोर्ट साइट पर प्राधिकरण और रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में 61 किलोमीटर लंबे ट्रैक को बिछाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। रेल मंत्रालय ने निर्धारित रेलमार्ग को लेकर कई प्रस्ताव रखे। अधिक से अधिक आबादी को लाभान्वित करने के लिए अन्य मार्गों को भी रेलमार्ग से जोड़ने पर प्रस्ताव रखे गए। बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और मुंबई से जोड़ने की योजना एक वर्ष पहले बनी थी। रेलमार्ग हरियाणा में पलवल के पास रुंधी स्टेशन से शुरू होगा और यमुना को पार कर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। उसके बाद नोएडा में एयरपोर्ट से होते हुए बुलंदशहर के चोला स्टेशन पर खत्म होगा। इससे एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
एयर कार्गो के लिए अलग लाइन बिछेगी बैठक में खासतौर पर एयर कार्गो के लिए अलग ट्रैक बिछाने पर फोकस रहा। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बुलंदशहर के 55 गांव आते हैं। यहां पर वेयर हाउस और लाजिस्टिक हब इत्यादि का निर्माण होना हैं। एयर कार्गो के लिए अलग लाइन बिछाकर माल का बिना रुकावट आयात व निर्यात किया जा सकेगा। इसके अलावा एयर कार्गों के लिए अलग टर्मिनल बनाने का भी प्लान है। भूमिगत रेलवे स्टेशन बनाने पर भी विचार इस रेलवे रूट पर बनने वाला जेवर एयरपोर्ट स्टेशन भूमिगत हो सकता है। रेलवे स्टेशन
railway station
एयरपोर्ट के पैसेंजर टर्मिनल के नीचे बनाया जाएगा। रेलवे स्टेशन और पैसेंजर टर्मिनल के बीच यात्री एलिवेटर, लिफ्ट या सीढ़ियों के जरिए आवागमन कर सकेंगे। यह पूरा कॉम्प्लेक्स वातानुकूलित होगा। इसी स्टेशन के बराबर में रैपिड रेल और मेट्रो ट्रेन के स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इसके लिए भूमिगत ट्रैक तैयार होगा, जिसकी लंबाई 10 किलोमीटर तक हो सकती है। नायल के नोडल अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा, 'रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ रेलमार्ग को बिछाने के लिए कई बिंदुओं पर बैठक हुई। परियोजना को धरातल पर उतारने से पहले हर प्रकार का सर्वे किया जाएगा। यदि रेलमार्ग में बदलाव की जरूरत होगी तो उसपर भी काम होगा। परियोजना की संशोधित डीपीआर रेल मंत्रालय तैयार करेगा।'
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