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कोई भी इतना अक्षम न हो कि परिजन की लाश साईकिल या कंधे पर ले जाना पड़े : राजनाथ सिंह
Rani Sahu
2 Jun 2023 7:22 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली में आयोजित एक इकोनामिक कॉन्क्लेव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "जब मैं 2047 के भारत की कल्पना करता हूं, तो उसमें मैं ऐसी किसी भी स्थिति के तीन स्वरूप देखता हूं-पहला कि, मेरे भारत में कोई भी इतना अक्षम न हो, कि अपने किसी परिजन के मरने पर उसे लाश को साईकिल पर या कंधे पर ढोकर ले जाना पड़े। दूसरा यह कि, यदि दुर्भाग्य से कोई इतना सक्षम न हो तो सरकारी व्यवस्था इतनी मजबूत और संवेदनशील हो कि उस व्यक्ति के स्थान पर व्यवस्था यह कार्य करे। तीसरा यह, कि कई बार दूर-दराज के क्षेत्रों में जहां सरकारी तंत्र नहीं पहुंच पाता, तो वहां समाज में इतना भाईचारा हो कि अगर किसी व्यक्ति पर ऐसी आपदा आ जाए तो समाज का जो भी पहला व्यक्ति उसे देखे, वह अपने बाकी काम छोड़कर उस व्यक्ति की सहायता करे।" राजनाथ सिंह शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित इकोनामिक कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। यहां उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी इकोनामिक ग्रोथ चाहिए जिसमें हमारे पास एक एफिशिएंट मार्केट इकोनामी हो, जिसमें लोगों के पास इकोनामिक फ्रीडम हो, कोई भी व्यवसाय शुरू करने का फ्रीडम, कोई भी नौकरी करने की स्वतंत्रता, ताकि वो बड़े सपने देख सकें, नए विचार सोच सके।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को पर्दा से निकालकर प्रतिस्पर्धा में लाना होगा। "मैं फिर से कहता हूं कि आप लोगों को गुलामी के प्रतीक पर्दा की नहीं, बल्कि बराबरी के प्रतीक प्रतिस्पर्धा की कामना करता हूं, तभी महिलाएं स्वयं का भी विकास कर पाएंगी और राष्ट्र निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा पाएंगी।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि आपने सुना होगा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है। इस जनसंख्या से हमें लाभ तो होगा, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है कि हमें इस विशाल जनसंख्या को एक उच्च स्तरीय जीवन देने के लिए अपने आर्थिक इन्फ्रास्ट्रक्च र की क्षमता को और बढ़ाना होगा।
उन्होंने बताया कि 2014 में अनेक बैंक एनपीए के बोझ तले दबे हुए थे। हमने बैंकों की परफारमेंस को सुधारने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई कदम उठाए। बैंकों को मर्ज करके या फिर उनका निजीकरण करके हमने उनका रिवाइवल भी किया। उन प्रयासों का ही नतीजा है कि आज हमारे बैंको का कुल एनपीए निचले स्तर पर है। हमारी सरकार ने 2 हजार से अधिक पुराने कानूनों को समाप्त करने का काम किया। इसके माध्यम से हम लाल फीताशाही को कम करते हुए इंस्पेक्टर राज के खात्मे की ओर बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री के मुताबिक भारत की इकोनामी तेजी से आगे बढ़ रही है। मॉर्गन स्टेनली ने 2013 में, फ्राजाइल 5 इकोनामी की बात कही थी, आज 10 साल बाद वही मॉर्गन स्टेनली अपनी रिपोर्ट में यह कहता है कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनामी होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि बात चाहे डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म की हो या फिर जीएसटी की, हमने देश की इकोनामिक ग्रोथ के लिए एक टैक्सपेयर फ्रेंडली राज लाने का पूरा प्रयास किया है। यह पुनर्जागरण का दौर है, यह एक ग्लोबल सुपर पावर के रूप में भारत की पुनस्र्थापना का समय है। अंधेरा छट चुका है, और नए भारत का नया सूर्योदय हो रहा है। इसलिए मैं इमजिर्ंग सुपर पावर से इत्तेफाक नहीं रखता, बल्कि मैं भारत को एक रिसरजेंट सुपर पावर के रूप में देखता हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारा देश इतना सुंदर हो, हमारे यहां के पार्क, मैदान, सड़कें, पहाड़ इतने सुंदर और साफ हों, कि अगर कोई भारतीय दूसरे देश में जाए, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया या जापान जाए, और वहां एडवांस रेलवे स्टेशन देखे या फ्लाईओवर का जाल देखे, पार्क, मैदान, सड़क, पहाड़ देखे, तो कहे कि ये तो दिल्ली, लखनऊ, बेंगलूरू और हैदराबाद जैसा है। हम देश के लगभग सभी सेक्टर्स पर फोकस करते हुए, 2047 तक विकसित भारत की इमारत खड़ी करने का कार्य कर रहे हैं।
--आईएएनएस
Rani Sahu
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