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गुजरात में मिले एक्सई वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं: सत्येंद्र जैन

Admin Delhi 1
12 April 2022 7:40 AM GMT
गुजरात में मिले एक्सई वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं: सत्येंद्र जैन
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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुजरात में मिले कोरोना के एक्सई वेरिएंट को लेकर कहा कि कोविड -19 के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक्सई वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से वेरिएंट ऑफ कंसर्न की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है और जब तक कोई वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं आता तब तक चिंता करने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि रोजाना दुनियाभर में कोई न कोई नया वेरिएंट आ रहा है। हमें कोरोना के नए-नए वेरिएंट के साथ रहना सीखना होगा, ये वेरिएंट आगे आते रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें अभी भी कोरोना के नियमों का पालन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी घर से बाहर जाएं तो मास्क पहने और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करें, जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके।

सरकारी अस्पतालों में लोगों को जल्द प्रीकॉशन डोज मुफ्त में लगाई जाएगी: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में लोगों को जल्द ही प्रीकॉशन डोज मुफ्त में लगाई जाएगी। जिस वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगी थी, उसी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी। जिन लोगों को दूसरी डोज लिए नौ महीने पूरे हो गए हैं, वे प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं।

अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या संतुलित: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संक्रमण दर पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। वर्तमान में केवल कोरोना के 49 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या संतुलित और कंट्रोल में है।

सरकार पूरी तरह तैयार: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या इतनी कम है कि बिस्तरों को बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाली गंभीर से गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार ने हाल ही में 7 नए अस्पतालों को बनाने का काम शुरू किया है, जो आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएंगे। इन नए अस्पतालों के बन जाने से करीब सात हजार बेड बढ़ाए जा सकेंगे।

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