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सुपरटेक ट्विन्स टावर के आसपास 'नो फ्लाई जोन' घोषित
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा से बड़ी खबर आ रही है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने शहर के सेक्टर-93बी में बनाए गए सुपरटेक बिल्डर के अवैध ट्विंस टावर के आसपास 'नो फ्लाई जोन' घोषित कर दिया है। अग्रिम आदेश तक ट्विन टावर के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। आपको बता दें कि 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे ब्लास्ट करके दोनों ट्विंस टावर गिराए जाएंगे। करीब 3,700 किलोग्राम बारूद दोनों टॉवरों में लगाया गया है। सुरक्षा और ऐहतियात के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस पूरे इलाके में निषेधाज्ञा यानी सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस उपायुक्त ने कहा, "26 अगस्त से 31 अगस्त के बीच कोई भी व्यक्ति ट्विन्स टावर के आसपास ड्रोन नहीं उड़ाएगा। ऐसा करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। कठोर कार्रवाई होगी।
नोएडा पुलिस ने ट्विन्स टावर की घेराबंदी की: ट्विंस टावर के आसपास पुलिस तैनात कर दी गई है। इमारत की ओर जाने वाले मार्गों पर नाकाबंदी है। किसी भी व्यक्ति को टावर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। आपको बता दें कि गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने मौके पर जाकर जायजा लिया है। ट्विन्स टावर को गिराने के लिए अंतिम योजना तैयार कर ली गई है। इस सिलसिले में गुरुवार की दोपहर एमराल्ड कोर्ट सोसायटी में बैठक हुई है। इससे पहले बुधवार को गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह दौरा कर चुके हैं। अब यह पूरा इलाका पुलिस सुरक्षा में है। दरअसल, ट्विंस टावर को ध्वस्त करने के लिए कंट्रोल ब्लास्ट किया जाएगा। दोनों टावरों में करीब 3,700 किलोग्राम विस्फोटक लगाए जा चुके हैं। अब 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे इन अवैध इमारतों को रद्द कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्यवाही की जा रही है। एक भारतीय और एक अफ्रीकन कंपनी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर रही हैं। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की ध्वस्तीकरण की निगरानी कर रहा है। दरअसल, साल 2006 से लेकर 2012 तक सुपरटेक बिल्डर ने एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी का निर्माण किया था। इसी दौरान सोसाइटी के एक हिस्से पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की बजाय बिल्डर ने यह दो आवासीय टावर खड़े कर दिए। इसके विरोध में एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित करते हुए ध्वस्त करने का आदेश दिया था। बाद में बिल्डर ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी करीब 6 महीने पहले हाईकोर्ट के फैसले को जायज ठहराते हुए दोनों टावर ध्वस्त करने का आदेश दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए यह प्रक्रिया चल रही है।
6 सोसाइटी वालों के लिए गाइडलाइन्स जारी: न टावर के आसपास छोटी-बड़ी मिलाकर 6 सोसाइटी हैं। इन 6 सोसाइटी में 3 हजार से अधिक फ्लैट हैं। एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा। इसके अलावा सेक्टर की अन्य सोसाइटी को भी निर्देश जारी किए हैं। ट्विन टावर के आसपास ध्वस्तीकरण के समय किसी भी सोसाइटी के टावर की छत पर किसी को भी देखने, फोटो और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं होगी। कोई भी टावर की छत पर नहीं जाएगा।
एओए को मिली जिम्मेदारी: पुलिस के दिशा-निर्देश के अलावा सोसाइटी की एओए द्वारा भी अपार्टमेंट के लोगों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। एओए द्वारा सोसाइटी के लोगों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सोसाइटी के लोगों को बालकनी में भी नहीं रखने की अपील की जा रही है। बालकनी के दरवाजे और खिड़की बंद करने के निर्देश दिए हैं, ताकि टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान घर में धूल-मिटटी के आने से बचा सकता है। रविवार के दिन हर संभव सावधानी बरते की अपील की जा रही है। सोसाइटी के कुछ लोगों की परेशानी अपार्टमेंट के सभी लोगों के परेशानी का सबब नहीं बन जाए।
इन सोसाइटी के लिए दिशा-निर्देश:
1. सिल्वर सिटी
2. पारसनाथ प्रेस्टीज
3. पारसनाथ सृष्टि
4. एल्डिको यूटोपिआ
5. एल्डिको ओलंपिया
6. एसटीएस ग्रींस सोसाइटी