दिल्ली-एनसीआर

एनसीआर में बनेंगे नौ लॉजिस्टिक पार्क, पीपीपी मॉडल का होगा प्रयोग

Renuka Sahu
10 May 2022 2:51 AM GMT
Nine logistics parks to be built in NCR, PPP model will be used
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फाइल फोटो 

नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के बाद अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एनसीआर में बड़े स्तर पर लॉजिस्टिक पार्क बनाने जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के बाद अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एनसीआर में बड़े स्तर पर लॉजिस्टिक पार्क बनाने जा रहा है। इसे लेकर मंत्रालय ने चरणबद्ध तरीके से काम पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है। पहले चरण में वर्ष 2025 तक दिल्ली की सीमा के बाहर कम से कम पांच लॉजिस्टिक पार्क बनाने का लक्ष्य है। शेष चार का निर्माण दूसरे चरण में दिसंबर 2026 तक होना है।

एनसीआर की सीमा के बाहर तीसरे चरण में चार लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाने की योजना है। कुल 13 लॉजिस्टिक पार्क नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के साथ मिलकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनाए जाएंगे।
लॉजिस्टिक पार्क होता क्या है?
यह खाद्य और अन्य वस्तुओं के स्टोर किए जाने का आधुनिक सिस्टम है। इसमें कोल्ड स्टोरेज और अन्य सुविधाएं होती हैं। देश के दूसरे हिस्से से माल लाकर पार्क में स्टॉक किया जाता है। जरूरत के हिसाब से सप्लाई लोकल स्तर पर की जाती है। इससे आवागमन पर आने वाले खर्च में बचत होती है। वस्तुओं की कीमत भी कम हो जाती है। पीपीपी मॉडल पर बनाए जाने वाले इन पार्क में कुछ और सुविधाएं दी जाएंगी।
वाहनों की मरम्मत और खड़ा करने के लिए गैराज के साथ मैकेनिक की सुविधा, ट्रक डाइवर, हेल्पर और श्रमिकों के ठहरने के लिए विश्राम स्थल और खान-पाने के लिए रेस्टोरेंट और ढाबे की भी सुविधा दी जाएगी। पार्क को उन जगहों पर बनेंगे जहां से रेल और सड़क की सीधे कनेक्टिविटी होगी। एनसीआर में ऐसी जगहों का चयन भी किया गया है, जिन पर डीपीआर का काम चल रहा है।
इसलिए होगा निर्माण
-लॉजिस्टिक पार्क बनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य दिल्ली और उससे सटे शहरों से वाहनों का दबाव कम करना है।
-बेहतर ट्रांसपोर्ट और भंडार सुविधा मुहैया कराना है, जिससे बाकी शहरों और राज्यों के साथ दिल्ली और उससे सटे गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे शहरों को इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने में आसानी हो।
-सरकार का मानना है कि अगर लॉजिस्टिक पार्क के जरिए बेहतर स्टोरेज की सुविधा दी जाती है तो निवेशकों को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी।t
पीपीपी मॉडल का प्रयोग
पहले चरण में देशभर में 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाने हैं। इनमें से करीब 15 को पीपीपी मॉडल पर बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं। बाकी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो रही है, जिसके बाद उन्हें मंजूरी मिलेगी।
क्या बदलाव
शुरुआत में दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद में पहले चरण के तहत सात लॉजिस्टिक पार्क बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर नौ कर दी है। साथ ही आवश्यकता और जगह की उपलब्धता के हिसाब से लॉजिस्टिक पार्क की संख्या को घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
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