दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली नगर निगम चुनाव में रात की बैठकबाजी नहीं होगी, नुक्कड़ सभा और रैली पर भी पाबंदी रहेगी लागू

Renuka Sahu
9 March 2022 2:53 AM GMT
दिल्ली नगर निगम चुनाव में रात की बैठकबाजी नहीं होगी, नुक्कड़ सभा और रैली पर भी पाबंदी रहेगी लागू
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फाइल फोटो 

दिल्ली नगर निगम चुनाव में रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक यानि 12 घंटे तक कैंपेन कर्फ्यू (सार्वजनिक बैठक, नुक्कड़ सभा और रैली पर पाबंदी) लागू रहेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली नगर निगम चुनाव में रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक यानि 12 घंटे तक कैंपेन कर्फ्यू (सार्वजनिक बैठक, नुक्कड़ सभा और रैली पर पाबंदी) लागू रहेगा। इस दौरान राजनीतिक दल और उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए कोई सार्वजनिक बैठक नहीं कर पाएंगे। वहीं, अधिकतम पांच लोग ही घर-घर जाकर प्रचार कर पाएंगे।

राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम चुनाव-2022 के लिए आचार संहिता के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। निगम चुनाव की घोषणा के साथ ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। चुनाव प्रचार से संबंधित किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए रिटर्निंग ऑफिसर से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
दस स्टार प्रचारक ही : निगम चुनाव में एक राजनीतिक दल की तरफ से सिर्फ 10 स्टार प्रचारक होंगे। अगर कोई गैर अधिकृत दल है तो उसके पांच स्टार प्रचारक ही होंगे। बाइक रैली पर प्रतिबंध रहेगा। नामांकन के दौरान प्रत्याशी के साथ सिर्फ दो लोंगों को ही प्रवेश मिलेगा। जीत के बाद विजय जुलूस निकालने की मंजूरी नहीं होगी।
नुक्कड़ सभा में अधिकतम 50 लोग : राज्य चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किसी नुक्कड़ सभा में अधिकतम 50 लोग ही शामिल होंगे। प्रचार के लिए उम्मीदवार अधिकतम पांच वाहनों का प्रयोग कर पाएंगे।
तैयारी पूरी, चुनाव की घोषणा एक-दो दिन में
तीन्रों निगम में चुनाव कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। राज्य चुनाव आयोग ने तैयारियों को लेकर मंगलवार को सभी अधिकारियों के साथ बैठक की है। बैठक में आचार संहिता लागू कराने को लेकर टीमों के गठन से लेकर अन्य तैयारियों पर चर्चा हुई है। आयोग अगले एक दो दिन में चुनाव की घोषणा कर सकता है।
बूथ का वोटर ही बनेगा दल का बूथ एजेंट
आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि पोलिंग स्टेशन पर राजनीतिक दल का बूथ एजेंट वही बनेगा जो उस पोलिंग स्टेशन का मतदाता भी हो। अगर वह मतदाता नहीं है तो वह बूथ एजेंट नहीं बन सकता है। इसके साथ उसके ऊपर कोई आपराधिक मामला पहले से दर्ज नहीं होना चाहिए।
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