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दिल्ली में फर्जी पासपोर्ट के साथ नाइजीरियाई ड्रग तस्कर गिरफ्तार

Deepa Sahu
7 March 2022 1:57 PM GMT
दिल्ली में फर्जी पासपोर्ट के साथ नाइजीरियाई ड्रग तस्कर गिरफ्तार
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दिल्ली पुलिस ने मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर धोखाधड़ी और अन्य जघन्य अपराधों में शामिल होने के आरोप में मुंबई से फरार एक नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर धोखाधड़ी और अन्य जघन्य अपराधों में शामिल होने के आरोप में मुंबई से फरार एक नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। नाइजीरिया गणराज्य के निवासी डोनाटस ओडिप्को ओकोय (36) के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी की पहचान नकली पासपोर्ट और बिना किसी वैध वीजा के भारत में भी हो रही थी।

डीसीपी ईशा पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 मार्च को साइबर थाने की टीम गोविंदपुरी के तुगलकाबाद एक्सटेंशन में गश्त कर रही थी, जहां उन्होंने देखा कि एक विदेशी नागरिक ने पुलिस टीम को देखकर संदिग्ध रूप से चलना शुरू कर किया। संदेह होने पर पुलिस ने एसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया। डीसीपी ने कहा, जब विदेशी नागरिक को भारत में रहने के लिए अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया, तो वह उन्हें पेश नहीं कर सका और मौके से भागने की कोशिश की।
तदनुसार, विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई। पूछताछ में आरोपी व्यक्ति ने खुलासा किया कि वह आइवरी कोस्ट के पासपोर्ट पर कोन अदामा के रूप में 2016 में भारत आया था, जिसे उसने आइवरी कोस्ट में एक एजेंट के जरिए चलाया था। 2018 में, वह अपने नाइजीरियाई बॉस से मिला, जो ड्रग पेडलर्स को काम पर रखता था और उसके लिए काम करना शुरू कर दिया था। जब वह मुंबई में एक ग्राहक को ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था, तो उसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 353, 332, 333, 143, 147, 149 और धारा 8 (सी), 21 (ए), एनडीपीएस अधिनियम के 22 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया।
आर्थर रोड जेल से जमानत मिलने के बाद, वह दिल्ली लौट आया और उत्तम नगर में रहने लगा और फिर से अपने नाइजीरियाई बॉस से मिला, जिसने उसे अपने ऑनलाइन काम के बारे में बताया। उसके बाद वह कस्टम क्लीयरेंस के बहाने लोगों को ठग रहा था। अधिकारी ने कहा, उसकी गिरफ्तारी के साथ, उसके घर से आठ डेबिट कार्ड, एक जाली पासपोर्ट और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, यह पता चला है कि उसके कब्जे से बरामद नकली पासपोर्ट मूल रूप से उसके एक सहयोगी को जारी किया गया था, जो साइबर धोखाधड़ी के मामले में बेंगलुरु की जेल में है।
जांच के दौरान बरामद डेबिट काडरें के खाते के विवरण प्राप्त किए गए और बयानों का विश्लेषण करने के बाद इन बैंक खातों में एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम का लेनदेन पाया गया। अधिकारी ने कहा कि उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिए मामले की आगे की जांच जारी है।
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