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जाते-जाते पांच लोगों को दे गए नई जिंदगी, सेना के जवान में भी धड़केगा अमरेश का दिल
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में अंगदान करने वालों की संख्यां में काफी इजाफा हुआ है. शुक्रवार रात एक और ब्रेन डेथ व्यक्ति ने अंगदान कर सेना के जवान सहित पांच लोगो को नया जीवन दिया है. एम्स अस्पताल और एम्स ट्रॉमा सेंटर के इतिहास में पहली बार किसी के द्वारा लंग्स का डोनेशन हुआ है. पिछले चार महीने में अकेले एम्स ट्रॉमा सेंटर में नौ लोगों के द्वारा अंगदान किए गए हैं, जिसकी वजह से लगभग 25 से 30 लोगों को नई जिंदगी मिल चुकी हैं.
डॉ. दीपक ने बताया कि अमरेश 27 जुलाई को हादसे का शिकार हो गया था. एम्स ट्रॉमा सेंटर में उनकी सर्जरी की गई. 28 जुलाई की रात मरीज को ब्रेन डेथ घोषित किया गया. उसके बाद तीन सेशन में फैमिली को अंगदान के लिए समझाया गया. मरीज की पत्नी से बात की. इसके बाद परिवार अंगदान के लिए तैयार हुआ और पांच लोगों को नई जिंदगी मिली.
नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) के अनुसार ब्रेन डेथ युवक का नाम अमरेश था, उनकी उम्र 36 साल थी. उनसे पांच अंग मिले. एम्स को लंग्स, लिवर और एक किडनी दी गई. आर्मी हॉस्पिटल को हार्ट दिया गया, जो सेना के एक जवान में ट्रांसप्लांट किया गया. एक किडनी आईएलबीएस को दी गई. मृतक अमरेश चंद पहले ही अपने माता-पिता और एक बड़े भाई को खो चुके थे. वो खुद एक संतान के लिए तरस रहे थे. ऐसे में अमरेश के इस तरह चले जाने से पूरा परिवार टूट गया. मृतक की पत्नी स्वास्थ्य विभाग में आया का काम करने वालीं अमरेश की पत्नी, अंगदान को समझती थीं. उन्होंने अपने दुख को भूला कर अमरेश को हमेशा जिंदा रखने का फैसला किया.
मृतक अमरेश के जीजा महेंद्र कुमार ने बताया कि अमरेश यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले थे. दिल्ली में कोटला मुबारकपुर में किराए पर रहते थे. 27 जुलाई को काम से लौटते वक्त एक ऑटो वाले ने टक्कर मार दी थी. उसके बाद उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेथ करार दिया. उन्होंने कहा कि अमरेश परोपकारी थे, वो ट्रेन में अपना रिजर्वेशन तक किसी जरूरतमंद को दे देते थे.
अंगदान प्रोग्राम की अगुवाई कर रहे न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि इससे पहले एम्स में अब तक सिर्फ एक लंग्स ट्रांसप्लांट मई में हुआ था. तब आर्मी हॉस्पिटल से लंग्स मिले थे. एम्स में पहली बार लंग्स दान में मिला है, जिसे एम्स के ही एक मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया, जो एम्स का दूसरा लंग्स ट्रांसप्लांट है।.एम्स ट्रॉमा सेंटर में इस साल अप्रैल से अब तक 9 लोगों के अंगदान किए जा चुके हैं.